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वंदे भारत न्यूज सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 297 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने जनपद सुसनेर में पंचायत स्तर पर संचालित सभी पंचायत स्तरीय गौशालाओं के संचालन मंडल,पंच, सरपंच ,सचिव एवं युवाओ को प्रबंधन का पाठ पढ़ाते हुए बताया कि गोमाता पशु या जानवर नहीं है, वह सब देवताओं की भी देवता एवं तीर्थ हैं, और मां रूपी गोमाता को हम सरकार के भरोसे छोड़ देते है, क्या जब हमारी जन्म देने वाली मां वृद्ध हो जाती है ,तो उसे हम सरकार के भरोसे छोड़ते है क्या ?
स्वामीजी ने बताया कि शासन ने हमें प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गोशाला निर्माण करके दे दी अब उसका बेहतर संचालन कैसे हो उसके लिए ग्राम पंचायत के पंच एवं सरपंच के साथ ग्राम पंचायत के सभी प्रबुद्धजन एवं युवाओं की भूमिका गोशाला में रहें उसके लिए सबसे पहले ग्राम पंचायत क्षेत्र में जितनी भी गोचर भूमि है उसमें अगर किसी ने कब्जा कर रखा है,तो सबसे पहले उस भूमि को कब्जा मुक्त करवाना चाहिए और फिर उस गोचर भूमि में सामूहिक सेवा के माध्यम से हरा चारा, घास एवं गोमाता के उपयोग में आने वाले सहजन आदि वृक्षों का वृक्षारोपण करना चाहिए ताकि पंचायत की गौमाताओं को हरा चारा एवं घास मिल जाएं साथ ही ग्राम पंचायत के हर घर से पहले रोटी गाय के नाम से संग्रह कर गोशाला भिजवाना चाहिए जिससे गोमाता के प्रति श्रद्धाभाव के साथ उसके आहार की व्यवस्था भी हो जाएगी स्वामीजी ने बताया कि पूर्व में हर गांव में पहले कोई भी धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन होते थे तो उसमें सबसे पहले गोमाता के नाम कुल खर्च का कुछ अंश वहां के पंच पटेल निकालते थे पुनः उसे लागू करना चाहिए ताकि इसके माध्यम से गो के नाम कुछ धर्म हो सके और साथ ही महाराज जी ने चिंता व्यक्त की मालवा की माटी तो हमेशा उपजाऊ रहीं है और यहां का 60% चारा राजस्थान में बेचा जाता है और हमारी पंचायत की गौशालाओं के लिए हम सरकार के भरोसे बैठे रहते है और हमने जो तीन रुपया किलो चारा बेचा था आज उसी चारे को हम 9-10 रुपए में खरीद रहें है जबकि हमारे धर्म ग्रंथों में भी हमें गो का चारा बेचने के लिए मना किया हुआ है इसलिए ग्राम पंचायत की गोशाला को चारा न खरीदना पड़े उसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर फसल कटाई के समय योजना बनानी चाहिए और हर ग्राम पंचायत पर 10-15 लोगों की युवा टीम गोसेवा के लिए आगे आएं उसके लिए प्रयास होना चाहिए ।
स्वामीजी ने आगर शहर के हॉस्पिटल से अपशिष्ट पदार्थों को सड़क पर फेंकने का विरोध करते हुए क्षण कि इस कचरे को भूखी गोमाताएं खाकर काल का ग्रास बन रही है इस पर प्रशासन को अंकुश लगाना चाहिए ताकि गौमाताओं को असमय काल का ग्रास न बनना पड़े ।
स्वामीजी ने बताया कि गो तस्करों के अभी भी हौसले बुलन्द है और फिर आज प्रातः 04 बजे 04 बजे पिड़ावा से डग की ओर जा रही बोलेरो गाड़ी में 07 गोवंश के हाथ पैर एवं मुंह बांधकर ऊपर से 50 कैरेट खाली रखकर उसके आगे एक मारुति वेन पेट्रोलिंग करके जाते समय गो सेवक धर्मेंद्र सिंह राजपूत, टीकम सिंह राजपूत गो रक्षा दल आगर, जुआन सिंह,,कैलाश जी लोहार, करण सिंह जी,नेपाल सिंह जी गो रक्षा दल डग , बहादुर सिंह जी बांसखेड़ी पिड़ावा ने उक्त गोवंश से भरे वाहन को रुकवाने का प्रयास किया तो पेट्रोलिंग वाहन एवं पिकअप वाहन से गो रक्षकों पर कई राउंड फायरिंग की गई और अंत में डग में एक गो तस्कर मोमंडन एवं गोवंश से भरे वाहन को पकड़कर डग थाने में लाकर मुकदमा दर्ज करवाकर उन नंदियों को पुलिस थाना डग के प्रधान आरक्षक मुक्ति लाल जी पप्पू लाल जी सेन के साथ गो अभयारण्य लेकर आएं।
गौसेवा की दृष्टि से जनपद पंचायत सुसनेर में श्रेष्ठ कार्य करने वाली डोंगरगांव पंचायत के प्रेम सिंह सोनगरा, भंवर सिंह जोदाना,महेश पाटीदार,मोहनलाल सेन एवं पुरूषोतम शर्मा व ग्राम पंचायत बराई से राजेन्द्र सिंह राजपूत जो अपने खर्चे से 80 गौमाताओं की सेवा कर रहें है, उन्हे गोमाता की छवि देकर सम्मानित किया
वंदे भारत न्यूज सुसनेर संवाददाता दीपक राठौर की रिपोर्ट,, 7415389901