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**मंडला में अमानक दवाओं के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन: काली पट्टी बांधकर दी सेवाएं; 22 को सामूहिक उपवास, मांगें न मानने पर हड़ताल की चेतावनी**

वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ 🌐 

मंडला MP हेमंत नायक✍️

मध्य प्रदेश मंडला न्यूज़ 🌐 मंडला जिला अस्पताल में शुक्रवार को डॉक्टरों ने घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन अस्पताल में आपूर्ति हो रही अमानक दवाओं के खिलाफ था, जिन्हें डॉक्टरों ने जलाकर अपना विरोध व्यक्त किया। डॉक्टरों का कहना था कि इन दवाओं का मरीजों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, इसलिए उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन के रूप में प्रतीकात्मक कदम उठाया।

**डॉ. प्रवीण उड़के का बयान**

डॉ. प्रवीण उड़के ने इस संबंध में कहा कि अस्पताल में सप्लाई हो रही घटिया दवाएं मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। उन्होंने इन दवाओं की आपूर्ति को रोकने और संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उनका कहना था कि अस्पताल में उपयोग हो रही दवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, और इस प्रकार की दवाओं का मरीजों पर बुरा असर पड़ सकता है।

**चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा**

प्रदेश के आठ डॉक्टर संगठनों ने अमानक दवाओं के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है। 20 और 21 फरवरी को डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर सेवाएं दीं, जबकि इमरजेंसी और केजुअल्टी सेवाएं जारी रखी गईं। अब 22 फरवरी को डॉक्टर सामूहिक उपवास रखेंगे, और आधे घंटे के लिए ओपीडी को बंद करेंगे, लेकिन आकस्मिक सेवाएं जारी रहेंगी। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो डॉक्टरों ने पूर्ण हड़ताल की चेतावनी दी है।

**चिकित्सा महासंघ की प्रमुख मांगें**

चिकित्सा महासंघ ने डॉक्टरों की समस्याओं को लेकर कुछ प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें उच्च स्तरीय समिति का गठन, 7वें वेतनमान का वास्तविक लाभ, और समयमान वेतन के आदेशों का एक महीने के भीतर क्रियान्वयन शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में प्रशासनिक हस्तक्षेप को समाप्त करने की मांग भी की है।

**मेडिकल एसोसिएशन की अतिरिक्त मांगें**

मेडिकल एसोसिएशन ने भी अपनी अलग से 25 मांगें रखी हैं, जो डॉक्टरों की कार्य स्थितियों और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आवश्यक हैं। इन मांगों में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था में सुधार, डॉक्टरों की सुरक्षा और उनकी कार्यशक्ति को बढ़ाने के उपाय शामिल हैं।

**समर्थन और प्रतिक्रिया**

डॉक्टरों के इस प्रदर्शन को व्यापक समर्थन मिल रहा है। अस्पताल में कार्यरत अन्य कर्मचारियों और मरीजों ने भी डॉक्टरों के इस कदम को उचित ठहराया है, और यह उम्मीद जताई है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा उनकी मांगों पर जल्द ध्यान दिया जाएगा।

कुल मिलाकर, मंडला जिला अस्पताल में घटिया दवाओं के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, जो न केवल डॉक्टरों के लिए, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य और उपचार की गुणवत्ता के लिए भी महत्वपूर्ण है। डॉक्टरों का यह आंदोलन न केवल अमानक दवाओं के खिलाफ है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार और डॉक्टरों की सुरक्षा की दिशा में भी एक अहम कदम साबित हो सकता है।

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