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राजू बैरागी राजगढ़ 9977480626
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद देश में स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया गया था। जिसके तहत गांव-गांव और शहरों को स्वच्छ रखने की पहल शुरू हुई । लेकिन मलावर की कहानी अलग देखने को मिली। जानिए क्या है पूरा मामला। ग्रामीणों ने लगाये सरपंच पर गंभीर आरोप लगभग ढाई से 3 साल हो गए परंतु गांव में न तो नियमित सफाई होती हे और ना ही पीने के लिए पानी आ रहा है नलों में और हमारे यहां पंचायत में जनसुनवाई होती ही नहीं है पंचायत में लाखों रूपये की राशि आती है परंतु जनप्रतिनिधि एवं पंचायत कर्मियों की मिली भगत से यह पैसा निकल जाता है और आम जनता ऐसे ही परेशान होती रहती है आखिर ग्रामीण सरपंच किसलिए चुनते हैं?
इसलिए न कि उनकी समस्या सरपंच सुने अगर पंचायत का सरपंच ऐसा ही निकल जाए कि जिसके होते हुये भी गांव में विकास नहीं हुआ तो फिर जनता आखिर जाए तो जाए कहा सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाती हैं परंतु गांव की जनता तक नहीं यह योजनाए पहुंच नही पाती आम जनता परेशान हैं
ग्रामीणों ने विभिन्न प्रकार की समस्या के विषय में मीडिया को जब बताया तो सचाई निकल कर सामने आई सरकार स्वच्छता को लेकर काफी उत्साहित हैं सरकार बहुत प्रयास कर रही है की भारत स्वच्छता अभियान में विकास नंबर वन पर आए सरकार अनेकों योजनाएं चलाती हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की धीमी गति दिखाई दे रही है और स्वच्छता तो को लेकर सरकार विभिन्न प्रकार से प्रयास कर ही रही है
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कि शहरो की तरह गावों को भी स्वच्छ बनाया जाए लेकिन ग्रामीण इलाकों में गन्दगी का अंबार लगा हुआ हैं ग्राम में आने जाने वाले मुख्य मार्ग पर लोगो को काफी परेशानी होती हैं नालियों में से बदबू आ रही कूड़ा दान खचाखच भरा हुवा हैं स्तिथि इतनी खराब है कि शासकीय विद्यालय के बगल में ही गंदगी का अम्बार लगा हुआ है एक और ग्रामीणो के गंभीर आरोप वहीं सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि केवल एक सफाई कर्मी के द्वारा ग्राम में प्रति सप्ताह सफाई होती हे परंतु इस दावे कि पोल तुरंत खुल गई सफाई कर्मी का कहना था कि सफाई रोज करता हूँ और वास्तविकता है कि कोई सफाई नहीं होती वहीं मनरेगा के तहत होने वाले कामों में जेसीबी का प्रयोग किया जा रहा हे
दूसरी और लगभग 38 लाख रूपये से बनकर तैयार हुई शासकीय गौशाला भी भगवान भरोसे है जिसमे स्थानीय गौवंश है ही नहीं होगा भी कैसे आखिर गौ वंश को जीवित रहने के लिये चारा और पानी भी तो चाहिए और उसकी कोई व्यवस्था ही नहीं है इस पर ग्रामीणो ने कहा आखिर जनता के टेक्स की गाढ़ी कमाई व्यर्थ के कार्यों में क्यों बर्बाद की जा रही है इसी गौशाला की राशि अन्यत्र जगह लगाई जा सकती थी ज़ब इसका उपयोग ही नहीं हो रहा है
इनका कहना…..
सफाई की बात है तो 8 दिन में एक बार सफाई होती है गन्दगी नही होती हैं,पानी की समस्या है तो पानी के दो बोर लगाए उनमें पानी नहीं है लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं पानी की व्यवस्था के लिए , हम जल्दी नल लाइन को चालू करेंगे…। ग्राम सरपंच प्रतिनिधि रोड़ सिंह भिलाला मलावर