
समीर वानखेड़े:
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के औरंगजेब वाले बयान से उन पर गहरा असर पड़ा है और अबू आज़मी को सदन से निलंबित कर दिया गया है। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज सदन में अबू आजमी के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया और सदन ने बहुमत से सत्र के दौरान अबू आजमी के निलंबन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसलिए, अबू आज़मी द्वारा औरंगज़ेब का महिमामंडन पूरी तरह भ्रामक है।
दूसरी ओर, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए फिल्म ‘छावा’ की एक पंक्ति उद्धृत करते नजर आए, जिसने पूरे सदन को मंत्रमुग्ध कर दिया। राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में महापुरुषों के अपमान के आरोपी प्रशांत कोरटकर और अबू आजमी के बयानों को लेकर गरमागरम बहस हुई। इसके जवाब में भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार आक्रामक होते नजर आए हैं।
सुधीर मुनगंटीवार ने वास्तव में क्या कहा?
चंद्रकांतदादा पाटिल द्वारा प्रस्तुत अबू आज़मी के निलंबन के प्रस्ताव में कुछ और बातें शामिल करने की आवश्यकता है। विधान परिषद के इस प्रस्ताव में अबू आज़मी का निलंबन केवल इसी सत्र के लिए क्यों है? यह सवाल सुधीर मुनगंटीवार ने उठाया था। विधान परिषद में एक सदस्य ने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की। फिर आपने क्या सजा दी? उस समय विधायकों की एक समिति बनाई गई थी, तब जाकर उनकी सदस्यता रद्द हुई। इसके साथ ही उनका वेतन भी रद्द कर दिया गया। रेलवे कूपन बंद कर दिए गए। विधायक निधि भी बंद कर दी गई। दूसरी ओर, हम छत्रपति शिवाजी महाराज का भगवान से भी अधिक सम्मान करते हैं।उन्होंने यह भी कहा अगर कोई नाथूराम गोडसे के बारे में बयान देता तो उसे जेल में डाल दिया जाता था। तो क्या यह छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का अप्रत्यक्ष अपमान नहीं है?
औरंगजेब, बदमाश, दुष्ट, और छत्रपति संभाजी महाराज, बदमाश, ये हमारा गौरव, स्वाभिमान और सम्मान हैं। औरंगजेब ने स्वयं अपने पिता को कैद कर लिया था और उन्हें पीने के लिए पानी भी नहीं दिया था। जब उसने गर्मी के दिनों में पानी मांगा तो औरंगा ने अपने पिता से कहा कि या तो जीवित रहो या मर जाओ। शाहजहाँ ने कविता के माध्यम से इसका जवाब देते हुए कहा, “तुमसे अच्छे तो यहाँ के भारतीय हैं। तुम अपने पिता को जीवित रहते पानी भी नहीं देते।” लेकिन यह देश और इसके लोग पितृ पक्ष के दौरान अपने मृत पूर्वजों की पूजा भी करते हैं और पानी भी पीते हैं। तू कैसा बेटा है जो जीवित पिता को पानी भी नहीं देता? वर्तमान में छावा सिनेमा पूरे देश में चल रहा है। फिल्म छावा में कवि कलश का एक संवाद है, जिसमें वे कहते हैं, ‘आपकी सेना हथियारों, घोड़ों, तोपों, तलवारों से भरी हुई है, लेकिन जंजीरों में जकड़ा मेरा शंभूराज फिर भी उन सभी पर भारी है।’ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सदन में ये टिप्पणी की।