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मंडला MP हेमंत नायक✍️
#मण्डला / नारायणगंज– शासकीय प्राथमिक शाला पडरिया, ब्लॉक नारायणगंज में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां पदस्थ शिक्षक दुबे जी की लापरवाही के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जानकारी के अनुसार, यह शिक्षक प्रतिदिन मंडला से अप-डाउन करते हैं और अक्सर स्कूल के समय पर उपस्थित नहीं रहते।
**स्कूल बंद मिला, बीईओ से संपर्क नहीं हुआ**
आज दिनांक **17 मार्च** को जब स्कूल का निरीक्षण किया गया, तो वह बंद पाया गया। बीआरसी से पूछताछ करने पर बताया गया कि स्कूल में सरकारी अवकाश था, लेकिन जब स्वयं बीआरसी मौके पर पहुंचे तो स्थिति कुछ और ही निकली—स्कूल वास्तव में बंद था। इसके बाद जब बीईओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की, जिससे संदेह बढ़ गया कि आखिर प्रशासनिक अधिकारी इस लापरवाही पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।
**शिक्षक की मनमानी और बच्चों से काम करवाने का आरोप**
यह भी सामने आया है कि शिक्षक बच्चों से पानी भरवाने का काम कराते हैं और अपनी मनमानी करते हैं। बच्चों के कीमती समय को बर्बाद करना और स्कूल परिसर में अनुशासनहीनता की स्थिति पैदा करना यहां आम बात हो गई है। जब पत्रकारों ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, तो बीईओ ने उनके नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिए। इससे यह सवाल उठता है कि क्या बीईओ इन शिक्षकों को संरक्षण दे रहे हैं?
**शिक्षक की गैरजिम्मेदाराना प्रतिक्रिया**
जब शिक्षक से पूछा गया कि बच्चे पानी क्यों भर रहे हैं, तो उन्होंने बेहद गैर-जिम्मेदाराना जवाब दिया—
*”मैं सुबह 10:30 से शाम 4:30 तक बच्चों से जो चाहूं करवा सकता हूं, तुम्हें क्या?”*
यह जवाब न केवल शिक्षकों की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे स्कूल में अनुशासन बनाए रखने में पूरी तरह असफल हैं।
**प्रशासन से कार्यवाही की मांग**
इस प्रकार की लापरवाही और मनमानी से बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सवाल यह उठता है कि शासन और प्रशासन कब तक इस तरह की अनियमितताओं को अनदेखा करता रहेगा?
**प्रशासन का पक्ष**
**बंदना गुप्ता, सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग, मंडला**
मैं अभी हाईकोर्ट में हूं, अभी बात नहीं कर सकती। आप बीईओ से बात करें।
**राजेश विश्वकर्मा, बीईओ, नारायणगंज**
*”कल आप ऑफिस आ जाएं, आज मैं लीव पर हूं। संबंधित शाला पर कार्यवाही की जाएगी।”*
**कमलेश भवेदी, बीआरसी, नारायणगंज**h
*”शाला बंद नहीं की जा सकती। शिक्षकों का स्कूल में रहना आवश्यक है। यदि प्राथमिक शाला बंद पाई जाती है, तो यह गलत है। मौके पर जाकर जांच की जाएगी और वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।