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विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के निरन्तर पुनरीक्षण के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों की बैठक किए जाने के बारे मे हुई बैठक 

दिनाँकः 26.03.2025

वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज

लखनऊ।

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के निरन्तर पुनरीक्षण के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों की बैठक किए जाने के बारे मे हुई बैठक

 नवदीप रिणवा, मुख्य निर्वाचन अधिकारी

 उत्तर प्रदेश।

 भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों के क्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 26.03.2025 को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मतदाता सूची के निरन्तर पुनरीक्षण के संबंध में बैठक की गयी।

 बैठक में संविधान के सुसंगत अनुच्छेदों, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 एवं अन्य सुसंगत निर्देशों इत्यादि के बारे में विस्तार से समस्त राजनैतिक दलों को अवगत कराया गया।

 राजनैतिक दलों को यह भी अवगत कराया गया कि संक्षिप्त पुनरीक्षण के आलेख्य प्रकाशन एवं अंतिम प्रकाशन तथा निर्वाचनों के समय मतदाता सूची को दो प्रतियांे (एक हार्ड कापी में और एक साफ्टकापी) में निःशुल्क दिए जाने का प्रावधान है।

 फार्म-6, 7 व 8 के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी।

 सभी उपस्थित राजनैतिक दलों को मतदाता सूची में नाम शामिल किए जाने तथा पहली बार मतदाता सूची में नाम शामिल कराने हेतु फार्म-6, मतदाता सूची से नाम अपमार्जन किए जाने हेतु फार्म-7 तथा मतदाता सूची में विद्यमान प्रविष्टियों में संशोधन, डुप्लीकेट मतदाता फोटो पहचान पत्र हेतु आवेदन, दिव्यांग मतदाताओं के चिन्हांकन और शिफ्टेड मतदाताओं के लिए आवेदन हेतु निर्धारित फार्म-8 के बारे में अवगत कराया गया।

 इस बात पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए राजनैतिक दलों से अनुरोध किया गया कि उनके द्वारा जन-सामान्य में यह जागरूकता फैलायी जाए कि किसी वर्तमान मतदाता के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण की दशा में फार्म-8 का उपयोग करें न कि फार्म-6 का।

 उक्त बैठक में आयोग द्वारा निर्धारित 04 अर्हक तिथियांे यथा-दिनाँक 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई व 01 अक्टूबर के बारे में अवगत कराया गया।

 मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा समस्त मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से प्रदेश के समस्त मतदेय स्थलों हेतु बूथ लेवल एजेण्ट्स नियुक्त किए जाने का अनुरोध किया गया तथा अवगत कराया गया कि प्रत्येक मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल अपने अध्यक्ष, सचिव या किसी अन्य पदाधिकारी के माध्यम से एक या एक से अधिक जिला प्रतिनिधियों को बूथ लेवल एजेण्ट को नियुक्त करने के लिए अधिकृत करेगें। राजनैतिक दल के अधिकृत जिला प्रतिनिधि, प्रत्येक पोलिंग स्टेशन के लिए बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति करेंगे। नियुक्त बूथ लेवल एजेण्ट द्वारा अपना नियुक्ति प्रपत्र पदाभिहित अधिकारी/बी0एल0ओ0 को उपलब्ध कराया जाएगा। बूथ लेवल एजेण्ट उस निर्वाचक नामावली के संबंधित भाग में एक पंजीकृत मतदाता होना चाहिए, जिसके लिए उसे नियुक्त किया गया है। कोई भी सरकारी कर्मचारी या स्थानीय प्राधिकारी/पीएसयू का स्टाॅफ बूथ लेवल एजेण्ट के रूप में कार्य नहीं कर सकता। बूथ लेवल एजेण्टों द्वारा जनता से दावे और आपत्तियां प्राप्त नहीं की जानी है अपितु वे केवल जनता को परिवर्द्धन, अपमार्जन/स्थानान्तरण/दिव्यांग मतदाताओं का चिन्हांकन/रिप्लेशमेन्ट आफ ईपिक हेतु उचित आवेदन प्रस्तुत करने हेतु मार्गदर्शन देंगे।

 भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बूथ लेवल एजेण्ट के द्वारा एक दिन में 10 से अधिक आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। यदि कोई बूथ लेवल एजेण्ट संक्षिप्त पुनरीक्षण की पूरी अवधि के दौरान 30 से अधिक आवेदन फार्म प्रस्तुत करता है तो संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत रूप से क्रास वेरीफिकेशन किया जाएगा। जिन राजनैतिक दलों द्वारा बूथ लेवल एजेण्टों की नियुक्ति नहीं की गयी है, वे पुनरीक्षण अवधि के दौरान बल्क में आवेदन नहीं कर सकते।

 निर्वाचन की शुचिता के दृष्टिगत रिट याचिका सं0-536/2011 के सम्बन्ध में दायर अवमानना याचिका सं0-2192/2018 में मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के क्रम में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं कि यदि कोई राजनैतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का चयन करता है तो उम्मीदवारों के चयन के 48 घण्टे के अन्दर राजनैतिक दल को समाचार पत्रों, सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एवं पार्टी के वेबसाइट पर प्रसारित करना होता है। राजनैतिक दलों द्वारा 72 घण्टे के अन्दर प्ररूप सी-8 पर अनुपालन आख्या भारत निर्वाचन आयोग को दी जानी होती है।

 राजनैतिक दलों द्वारा निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के अन्दर आपराधिक पृृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थियों के विरूद्ध आपराधिक मामलों के प्रकाशन में हुए व्यय की सूचना प्ररूप सी-5 पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराया जाता है जिसे प्ररूप सी-6 पर संकलित कर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाता है।

 मतदेय स्थलों के सम्भाजन की कार्यवाही के बारे में भी चर्चा की गयी।

 राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य हेतु अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कतिपय सुझाव दिये गए।

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