
📢 विशेष रिपोर्ट | सहारनपुर के गंगोह में पाकिस्तान झंडा विवाद – छात्रा ने हटाया झंडा, वीडियो वायरल, स्कूल ने कर दिया निष्कासित | पूरे देश में आक्रोश
🖊️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍स्थान: गंगोह, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
📅 तिथि: हाल की घटना
🎞️ सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने खोले कई सवाल
🔴 घटना का सारांश:
सहारनपुर जनपद के कस्बा गंगोह में स्थित एक निजी स्कूल में पाकिस्तान के झंडे जैसा प्रतीक कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया गया। यह देखकर एक छात्रा ने साहसिक कदम उठाया और झंडे को स्कूल परिसर से हटाने का प्रयास किया। इस दौरान किसी ने घटना का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया।
वीडियो के वायरल होते ही क्षेत्र में हलचल मच गई। स्थानीय हिन्दू संगठनों और नागरिकों में आक्रोश फैल गया।
📌 छात्रा को मिला दंड, सम्मान नहीं:
इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्कूल प्रबंधन ने झंडा हटाने वाली छात्रा को ही स्कूल से निष्कासित कर दिया।
छात्रा को अनुशासनहीन बताकर विद्यालय से बाहर कर दिया गया, जबकि झंडा लगाने वाले व्यक्तियों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं की गई।
🔥 हिंदू संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में उबाल:
हिंदू संगठनों ने इस घटना को राष्ट्रविरोधी मानसिकता की उपज बताया।
संगठनों ने सवाल किया कि – “क्या भारत में अब पाकिस्तान के प्रतीकों को स्कूलों में जगह दी जाएगी?“
उन्होंने यह भी कहा कि देशभक्ति दिखाने वाली छात्रा को प्रोत्साहित करने की बजाय सज़ा देना न्याय का मज़ाक है।
🧾 छात्रा के परिवार का बयान:
छात्रा के परिजनों ने कहा:
“हमारी बेटी ने राष्ट्र के सम्मान के लिए कदम उठाया था, लेकिन उसे ही सज़ा दी गई। प्रशासन को चाहिए कि स्कूल पर कार्रवाई करे, न कि बच्चों को डराया जाए।“
🛑 प्रशासन की चुप्पी – क्या राजनीतिक दबाव?
अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे लोगों में यह आशंका और गहराई है कि कहीं इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश तो नहीं की जा रही?
❗ देश भर से उठ रही मांगें:
घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
छात्रा को वापस स्कूल में प्रवेश दिया जाए और उसकी सराहना हो।
झंडा लगाने वाले व्यक्ति या संस्था पर देशद्रोह का मुकदमा चले।
स्कूल प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाए।
🗣️ समाज की सोच पर सवाल:
यह घटना एक बड़ा प्रश्न खड़ा करती है — क्या देशभक्ति अब अपराध है?
जब राष्ट्रविरोधी प्रतीकों को हटाना “अनुशासनहीनता” माना जाने लगे, तब समाज को चेतना होगा कि मूलभूत मूल्यों पर हमला हो रहा है।
📢 वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ इस विषय पर पूरी जिम्मेदारी से अपडेट देता रहेगा। यदि आपके पास इस घटना से जुड़ी कोई जानकारी या वीडियो है, तो कृपया हमारे साथ साझा करें।
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🖋️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़, जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद