सोनकच्छ में शनिवार को नगर में किन्नर समाज के सदस्यों में शनिवार को उस समय विवाद हो गया जब एक किन्नर को समाज से अलग करने के बाद भी वह नगर में ही रहने की जिद पर अड़ा रहा। इसी बात को लेकर किन्नरों में मारपीट भी हो गई, जिसमें एक किन्नर के सिर में चोट आई। इसके बाद मामला थाने पहुंच गया। किन्नरों का कहना था कि उनकी समाज का विवाद कभी पुलिस थाने नहीं पहुंचता है, लेकिन यह पहला अवसर है कि हमें थाने आना पड़ा। दरअसल, किन्नर समाज की एक सदस्य को प्रमुख किन्नरों ने समाज से अलग कर नियमानुसार उसे अपने गांव या जिले से बाहर जाने का बोल दिया था। इसके बावजूद वह नगर छोड़ने को तैयार नहीं था। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। शुक्रवार को विवाद के चलते मारपीट की हो गई और मामला थाने पहुंच गया। यहां किन्नरों ने जमकर हंगामा किया। एक-दूसरे के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने पर उतारू दोनों पक्षों के प्रमुख किन्नरों को थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा ने समझाइश दी। उक्त किन्नर द्वारा नगर छोड़ने की बात मानने के बाद दोनों पक्षों में लिखित राजीनामा हो गया। विवाद के चलते देवास व हाटपिपल्या के किन्नर भी सोनकच्छ थाने पर पहुंचे। सोनकच्छ किन्नर समुदाय की गुरु मां ने कहा कि मानसी कई दिनों से उसके साथी मानसिंह बैरागी के साथ मिलकर चोरी से वसूली करती थी। हमारे गाड़ी ले जाकर हमारे नाम पर पैसा मांगती थी। जब हमने उसे समझाने की कोशिश की तो मानसी और उसके साथी ने हम पर हमला किया। और मेरी चली रिया राजपूत को सर पर पत्थर से हमला किया गुरु मां ने यहां भी आरोप लगाया कि अगर हमारी चली को आगे कुछ भी हुआ तो इसका जवाबदार मानसी और उसका साथी ही रहेगा।
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