
आजमगढ़। शिबली नेशनल कॉलेज में 44 लाख रुपये से अधिक के कथित घोटाले की जांच के लिए बोर्ड ऑफ रेवेन्यू की सात सदस्यीय जांच टीम मंगलवार को अचानक कॉलेज पहुंची। दो वाहनों से पहुंची इस टीम ने कॉलेज प्रशासन में खलबली मचा दी। जांच टीम की अगुवाई वित्त एवं लेखाधिकारी अवधेश सिंह कर रहे हैं, जिनके साथ लेखाकार ज्ञानेश्वर मिश्रा सहित अन्य वित्त विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, जांच से पहले टीम ने आजमगढ़ के कमिश्नर से मुलाकात की थी। कमिश्नर की संस्तुति पर बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने इस घोटाले की जांच के लिए विशेष दल गठित किया है। सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला कॉलेज के वित्तीय प्रबंधन और अनियमितताओं से जुड़ा है। जांच दल ने कॉलेज के गेस्ट हाउस में ठहरकर वित्तीय रिकॉर्ड और प्रशासनिक दस्तावेजों की गहन छानबीन शुरू कर दी है।
टीम एक बोलेरो गाड़ी (UP32BG-4826) से पहुंची, जिस पर “अपर आयुक्त वित्त, वाराणसी मंडल, वाराणसी” लिखा हुआ था। जांच दल ने पहले कॉलेज के प्राचार्य से मुलाकात की और फिर गेस्ट हाउस में अभिलेखों की पड़ताल शुरू की। सूत्रों का कहना है कि यह टीम 31 मई तक कॉलेज में रुककर जांच पूरी कर सकती है।
हालांकि, जांच टीम की गोपनीयता चर्चा का विषय बनी हुई है। जब मीडिया ने एक सदस्य से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने शिबली में होने से इनकार कर दिया, जबकि उनकी गाड़ी की मौजूदगी इसके विपरीत इशारा कर रही थी। उधर, कॉलेज प्राचार्य मामले को “मैनेज” करने में जुटे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
जांच पूरी होने के बाद बोर्ड ऑफ रेवेन्यू अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपेगा, जिसके आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना है। इस मामले ने कॉलेज प्रशासन और स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है।