
₹100 की एक चाय, अखिलेश पांडे के संयोजक तत्व में फर्जी वाडे का खेल
सीधी। मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार की परतें लगातार खुल रही है। ऐसे में अगर सीधी जिले की चर्चा ना हो तो भ्रष्टाचार बुरा मान जाएगा। वो इसलिए क्योंकि जहां एक और शहडोल, मऊगंज और डिंडोरी फर्जी ही सही लेकिन लिखे हुए बिलों के भुगतान का मामला सामने आया है परंतु सीधी जिला तो इन सबसे आगे है जहां कोरे बिल पर ही चार लाख रुपए से अधिक का भुगतान हो चुका है और सभी जिम्मेदार अधिकारी इस बात से भली भांति वाकिफ है फिर भी रहस्यमयी चुप्पी की चादर ओढ़े हुए हैं।
हम बात कर रहे हैं आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी के ग्राम पंचायत गैवटा की जहां वर्ष 2018 में देव बिल्डकॉन को कोर बिलों पर चार लाख 1 हजार 181 रुपए का भुगतान किया गया है। भुगतान किए गए दोनों ही बिलों में तत्कालीन सरपंच और रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव राघवेंद्र प्रसाद यादव के हस्ताक्षर और पद मुद्रा विद्यमान है इससे भी बड़ा सबूत तो यह है कि यह बिल स्वयं रोजगार सहायक का प्रभारी सचिव राघवेंद्र प्रसाद यादव द्वारा पंचायत दर्पण पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इसको खुलासा हमने 2 साल पहले ही किया था और अब तक लगभग एक दर्जन बारिश की जांच पक पवन सिंह द्वारा की जा चुकी है लेकिन उन्हें कुछ भी गलत नहीं मिला है। जिम्मेदार अधिकारी जो महज एक क्लिक पर बिल का अवलोकन कर सकते हैं वे जांच के नाम पर रहस्यमई चादर ओढ़े हुए हैं। रही बात फर्म की तो जिस देव बिल्डकॉन गोतरा के नाम पर यह भुगतान किया गया है इस नाम की ना तो कोई फर्म और दुकान तब गोतरा में थी और ना आज है। ग्राम पंचायत गैवटा द्वारा ई भुगतान आदेश क्रमांक 1750728 दिनांक 3 अगस्त 2018 को 5 लाख 1093 रुपए का भुगतान किया गया। इस भुगतान में देव बिल्डकॉन गोत्र को चार लाख 28760 रुपए और 1181 रुपए का भुगतान किया गया है। उक्त दोनों ही बिल कोरे हैं यहां तक कि उक्त बिलों में ना तो कोई क्रमांक और दिनांक अंकित है और ना ही सामग्री दर्ज है यह बात जरूर है कि दोनों ही बिल तत्कालीन सरपंच और रोजगार सहायक से प्रभारी सचिव द्वारा प्रमाणित है।
भुगतान किए गए बिल——-
इसके अतिरिक्त भी ग्राम पंचायत द्वारा ई भुगतान आदेश क्रमांक 2743177 दिनांक 9 दिसंबर 2022 को ₹20000 का भुगतान अर्पिता ट्रेडर्स को मुख्यमंत्री के आगमन पर दो नग वाहन और लंच पैकेट उपलब्ध कराने के लिए किया गया है हालांकि इसमें अर्पिता ट्रेडर्स का कोई बिल नहीं है और बात करें अर्पिता ट्रेडर्स की तो यह वही झोलाछाप अर्पिता ट्रेडर्स है जो कुसमी से 150 किलोमीटर दूर खडड़ी में संचालित है, इसके संचालक राकेश कुमार पांडे हैं और इनके भाई अखिलेश कुमार पांडे जनपद पंचायत कुसमी में एक महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ है जिसके चलते सरपंच सचिवों पर दबाव बनाकर इसी तरह के फर्जी भुगतान लिए और दिए जा रहे हैं। बताया जाता है कि अर्पिता ट्रेडर्स के नाम पर किसी भी तरह का बिल मोटा कमीशन लेकर पंचायतो को बांट दिया जाता है फिर पंचायत सचिव और सरपंच उसमें मनमानी लोकधन का दुरुपयोग करते हैं।
वहां और लंच पैकेट का बिल———–
इसी तरह का ग्राम पंचायत गैबटा में एक और भुगतान ईपीओ क्रमांक 2724269 दिनांक 23 अक्टूबर 2022 को 83000 का है और यह भी अर्पिता ट्रेडर्स के नाम पर है। ताज्जुब की बात तो यह है कि इस भुगतान में जी तथा कथित बिल का इस्तेमाल किया गया है वह कोरे कागज पर बनाया गया है और 103000 का तथा कथित बल होने के बावजूद उसका भुगतान केवल 83000 किया गया है।
अर्पिता ट्रेडर्स को स्टेशनरी का भुगतान——–
ग्राम पंचायत गैवटा द्वारा ई भुगतान आदेश क्रमांक 2949 849 दिनांक 3 सितंबर 2023 को अजय मिष्ठान भंडार को 10 चाय के लिए ₹10 की दर से ₹1000 का भुगतान किया गया है। अब यह₹100 की एक चाय किसने पी है यह तो सचिव ही बता सकते हैं।
यह चाय किसने पिया तो वही जाने——-
ऐसा नहीं है कि अभी तक इस प्रकरण की जांच नहीं हुई है बल्कि कई बार जांच हो चुकी है। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा के निर्देशन में पंचायत समन्वयक अधिकारी बबन सिंह द्वारा कई बार जांच की गई है और अपनी जांच प्रतिवेदन में उन्होंने हर बार या उल्लेख किया है कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है सब कुछ सही है।
जांच प्रतिवेदन —