
09 पीड़ित परिवारों को एससी एसटी अत्याचार निवारण के तहत 725150 रुपया मुआवजा दिया :- डीएम गया
गया, 24 जुलाई 2025, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए बिहार सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुआवजा प्रदान करना है। जिला पदाधिकारी गया श्री शशांक शुभंकर द्वारा आज कुल को 09 पीड़ित लाभुकों को 725150 रुपये (7 लाख 25 हजार 1 सौ पचास रुपये) की राशि मुआवजा भुगतान कराने का आदेश दिया है, जो सीधे पीड़ित परिवार के बैंक खाते में जाएगी।
उन्होंने बताया कि गया जिला के विभिन्न थानों से प्राप्त प्राथमिकी एवं आरोप पत्र पर भुनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं समय-समय पर पीडित/पीड़िता को राहत अनुदान के कुल 09 मामले में आरोप पत्र के आधार पर मुआवजा भुगतान हेतु जिला पदाधिकारी, गया के द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी। जिसमें प्रथम क़िस्त की राशि 25150 रुपया द्वितीय किस्त की राशि कुल राशि- 700000 रुपये/- के भुगतान का आदेश दिया गया।
प्रथम किस्त की राशि:-
वजीरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम तरवा अंतर्गत पंकज कुमार को प्रथम क़िस्त रूप में 25150 रुपया मुआवजा के रूप में भुगतान किया गया।
द्वितीय किस्त की राशि:-
महिला थाना क्षेत्र के ग्राम किशुनपुरा मगध मेडिकल अंतर्गत सुनीता कुमारी को द्वितीय क़िस्त रूप में 01 लाख रुपया,
चरकी थाना क्षेत्र के ग्राम चरकी प्रमोद नगर अंतर्गत उपेंद्र रविदास को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया,
गुरपा थाना क्षेत्र के ग्राम सारेन अंतर्गत राजमंती देवी को द्वितीय क़िस्त रूप में 50000 (50 हजार) रुपया,
धनगाई थाना क्षेत्र के ग्राम खेदा अंतर्गत कौशल कुमार को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया,
महिला थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर भुइटोली अंतर्गत रानी कुमारी को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया,
आंती थाना क्षेत्र के ग्राम अचूकी अंतर्गत कमलेश पासवान को द्वितीय क़िस्त रूप में 50000 (50 हजार) रुपया,
महिला थाना क्षेत्र के ग्राम शिवरतीपुर डोभी अंतर्गत सुगिया देवी को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया,
धनगाई थाना क्षेत्र के ग्राम झाँझ अंतर्गत भोला मांझी को द्वितीय क़िस्त रूप में 100000 (एक लाख) रुपया अनुदान की राशि भेजी गई है।
डीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यो को अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम है। इस अधिनियम के के तहत् अत्याचार के मामलो में राहत अनुदान की राशि का भुगतान पीड़ित / पीड़िता को उनके आधार से सम्बद्ध बैंक खातो पर DBT के माध्यम से किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत् गाली गलौज एवं अपमानित करने के मामले में धारा 3 (1) (r) (s) मे कुल राशि 100000/- रू० जिसमें प्राथमिकी पर 25% (25000/-) माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% (50000/-) तथा दोष सिद्ध होने के उपरांत शेष 25% (25000/-) राशि का भुगतान किया जाता है।
मार पीट / गम्भीर चोट के मामलो में इस अधिनियम की धारा 3 (2) (va) के तहत् कुल राशि 200000/- जिसमें प्राथमिकी पर 25% (50000/-) माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% (100000/-) तथा दोष सिद्ध होने के उपरांत शेष 25% (50000/-) राशि का भुगतान किया जाता है।
बलात्संग एवं सामुहिक बलात्संग के मामले में क्रमशः 500000/- एवं 825000/- जिसमें चिकित्सा जांच और पुष्टि के पश्चात् 50% तथा न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 25% तथा दोष सिद्धि के उपरांत शेष 25% का भुगतान पीड़िता को उनके खाते पर DBT के माध्यम से किया जाता है।
हत्या या मृत्यु के मामलो में कुल अनुमान्य राशि 825000/- जिसमें शव परीक्षण के उपरांत 50% रू 412500/- तथा माननीय न्यायालय में आरोप पत्र भेजे जाने पर 50% 412500/- पीड़ित के आश्रित को रू० 5000/- एवं महंगाई भर्त्ता के साथ प्रतिमाह पेंशन तथा माननीय न्यायालय में आरोप गठन के उपरांत परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दिये जाने का प्रावधान है।
त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीज़न हेड गया
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