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लापरवाह शिक्षकों-अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई : शासन सचिव

स्कूलों के बच्चे हमारी जिम्मेदारी, लापरवाह शिक्षकों-अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई : शासन सचिव, स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल

जयपुर, 26 जुलाई। स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे हमारी जिम्मेदारी हैं और इस बात को सभी शिक्षक व अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ समझें। शासन सचिव ने स्पष्ट किया कि जो भी शिक्षक या अधिकारी लापरवाही करेंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शासन सचिव ने कहा कि सभी पीईईओ अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले राजकीय विद्यालयों में हर कमरे की भौतिक रिपोर्ट 30 जुलाई तक निर्धारित प्रपत्र में भिजवाएं। चाहे कोई कक्ष जर्जर है या नहीं, हर कक्ष की भौतिक रिपोर्ट भेजना आवश्यक है। इस रिपोर्ट के संकलन और बाद में मॉनिटरिंग के लिए उन्होंने जिओ टैगिंग का उपयोग करने व अलग से एप बनाने के निर्देश दिए।

शासन सचिव झालावाड़ जिले के पीपलोदी स्थित राजकीय विद्यालय की छत गिरने की घटना के बाद शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने ऐसे मामलों में कार्रवाई होने पर राजनीति न करने और अपनी जिम्मेदारी समझने का स्पष्ट संदेश दिया।

घर से स्कूल के मार्ग में सुरक्षा सुनिश्चित करें
उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर के साथ ही बच्चों के घर से स्कूल आने-जाने के मार्ग पर भी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें। बारिश के मौसम में रास्ते में जलभराव की स्थिति होने पर अतिरिक्त सावधानी बरतें और खतरे की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। शासन सचिव ने हर विद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा तैयार रखने और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण के निर्देश भी दिए।

हर मृतक बच्चे के परिवार को 10 लाख की सहायता, विभागीय कार्यालयों में 7 दिन कोई आयोजन नहीं
श्री कुणाल ने कहा कि दुर्घटना का शिकार हुए हर मृतक बच्चे के परिजनों को को राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। साथ ही कक्षा कक्षों का नाम इन बच्चों के नाम पर रखा जाएगा। श्री कृष्ण कुणाल ने अगले 7-8 दिन तक शोक स्वरूप विभागीय कार्यालयों में किसी भी प्रकार के आयोजन नहीं करने के निर्देश दिए।

सभी विद्यालयों में होगी डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग
शासन सचिव ने दुर्घटना में घायल बच्चों की उचित सार संभाल के लिए झालावाड़ के जिला अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी घटना होने पर किसी भी विभागीय औपचारिकता में फंसने के बजाय तुरंत मौके पर पहुंचें और जरूरी कदम उठाएं। साथ ही अपने आस पास की ऐसी घटना के प्रति पूर्ण जागरुक रहते हुए तुरंत उच्च स्तर पर सूचित करने को कहा। उन्होंने सभी विद्यालयों में डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दिए जाने, भारी बारिश की स्थिति में स्कूल बंद करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने सहित अन्य निर्देश भी दिए।

संवेदनशीलता के साथ करें काम
बैठक में निदेशक माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा श्री सीताराम जाट ने कहा कि सभी पीईईओ अपने विद्यालयों की भौतिक रिपोर्ट 30 जुलाई तक भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से विभिन्न स्तरों पर पिछले छह महीने में कई बार जर्जर भवनों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सभी अधिकारियों को संवेदनशीलता व गंभीरता के साथ काम करने के निर्देश दिए, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैठक में राज्य परियोजना निदेशक व आयुक्त समग्र शिक्षा श्रीमती अनुपमा जोरवाल ने सभी से आपसी समन्वय के साथ काम करने व ऐसी घटनाओं को रोकने की बात कही। अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक श्री सुरेश कुमार बुनकर ने विभाग में एक विशेष डिजास्टर मैनेजमेंट सेल बनाने का सुझाव दिया।

बैठक में प्रवेशोत्सव, निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण व हरियालो राजस्थान सहित अन्य बिंदुओं पर वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ ही समयबद्ध रूप से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

बैठक में संयुक्त शासन सचिव श्री मनीष गोयल, उप सचिव प्रारंभिक शिक्षा एवं पंचायती राज श्रीमती मोनिका बराला सहित प्रदेशभर के जिला शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।

झालावाड़ में घायल बच्चों से मिले
इससे पहले शासन सचिव अस्पताल पहुंचकर घायल बच्चों एवं उनके परिजनों से मिले। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को बच्चों को बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। साथ ही जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बच्चों की देखभाल एवं अस्पताल प्रशासन से समन्वय बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने घटना स्थल का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा भी लिया। ग्रामीणों एवं अधिकारियों से भी इस घटना के कारणों पर गहन चर्चा की।

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