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नायगांव पूर्व दुबे चॉल में असमाजिक तत्वों का बोलबाला। ग्रामपंचायत विभाग का संरक्षण और बिल्डर का गड़बड़ घोटाला।

राज्य महाराष्ट्र में पालघर जिले के नायगांव पूर्व चंद्रपाड़ा नजदीक शांति गोविन्द स्कूल के पास दुबे चॉल में असमाजिक तत्वों का बोलबाला है।ग्रामपंचायत विभाग का संरक्षण आखिर कैसे अवैध चॉल बिल्डर ने बना डाला। शासन- प्रशासन के मुंह पर तमाचा या हफ्तावसूली नाकामी का हिस्सा है।कितने में बिका है शासन -प्रशासन में बैठे नेता, पुलिस, सरकारी कर्मचारी कैसे आदिवासी को पैसे का लालच में उनकी जगह पर कब्जा कर बनाकर बेचते है चॉल और अवैध बिल्डिंग और उन चॉल में कैसे असामाजिक गतिविधियों को चलाया जाता है।

विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई
नायगांव पूर्व दुबे चॉल में असमाजिक तत्वों का बोलबाला। ग्रामपंचायत विभाग का संरक्षण और बिल्डर का गड़बड़ घोटाला।
मुंबई/महाराष्ट्र: राज्य महाराष्ट्र में पालघर जिले के नायगांव पूर्व चंद्रपाड़ा नजदीक शांति गोविन्द स्कूल के पास दुबे चॉल में असमाजिक तत्वों का बोलबाला है।ग्रामपंचायत विभाग का संरक्षण आखिर कैसे अवैध चॉल बिल्डर ने बना डाला। शासन- प्रशासन के मुंह पर तमाचा या हफ्तावसूली नाकामी का हिस्सा है।कितने में बिका है शासन -प्रशासन में बैठे नेता, पुलिस, सरकारी कर्मचारी कैसे आदिवासी को पैसे का लालच में उनकी जगह पर कब्जा कर बनाकर बेचते है चॉल और अवैध बिल्डिंग और उन चॉल में कैसे असामाजिक गतिविधियों को चलाया जाता है। असामाजिक तत्वों का ठिकाना ऐसे ही चॉल में मिलता है, जहा पर अगर कोई गलती से सही लोग पहुंच गए तो उनके साथ गाली गलौच और अश्लील कॉमेंट और मारपीट पर उतारू हो जाते है। और उस चॉल में कुछ असमाजिक तत्त्व ऐसे है जो गांजा, भांग, ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का बिक्री करते है। लोगों के जानकारी के अनुसार कई जगहों से क्राइम कर दुबे चॉल में कुछ असमाजिक तत्त्व के लोग शरण लिए हुए। और वहां पर अपना दबदबा और बोलबाला बनाए है। क्योंकि शासन-प्रशासन के लोग उनके एक्टिविटी को अनदेखा करते है। और ग्राम पंचायत का संरक्षण प्राप्त है। जिससे नायगांव वाले चंद्रपाड़ा के दुबे चॉल के पास रहने वाले रहवासी नागरिकों और शांति गोविन्द स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए जानमाल का खतरा बढ़ रहा है। और वहां के कुछ रहवासियों ने अपना नाम न बताने के शर्त पर बताया कि उर्मिला यादव और आनंद यादव दुबे चॉल में कई साल से रहते है जो किराना की दुकान में कुछ नशीले पदार्थों को भी चोरी चोरी सप्लाई करते है। जिससे कुछ युवाओं को नशीले पदार्थ के सेवन से उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। जिसका कारण यह दुकानदार वाला है। उर्मिला यादव और आनंद यादव दोनों असामाजिक कार्यों में लिप्त है। उनके खिलाफ कई शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज है। लेकिन पुलिस बिकी हुई है। या तो नपुंसकता की शिकार है। जो कोई ठोस कदम नही उठाती जिसके कारण असमाजिक तत्वों का ठिकाना इधर ही बढ़ते जा रहा है। युवाओं को नशीले पदार्थों की लत लग रही है। और चोरी, गांजा, लड़ाई, झगड़ा, मारपीट का असर और माहौल ज्यादा बढ़ते जा रहा है। पुलिस के निकम्मी रवैया और शासन-प्रशासन, ग्रामपंचायत के संरक्षण में आदिवासियों की जमीन को छीनी जा रही है। और असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अवैध निर्माण कर चोर बदमाशों नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले नशेड़ियों और नशीले पदार्थों को सप्लाई करने वालों को बसाया जा रहा है। जिससे यहां के रहने वाले रहवासी नागरिकों विद्यार्थियों के जानमाल का खतरा बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि कुछ अच्छे लोग अगर इधर रहने आते है तो उर्मिला यादव और आनंद यादव के गाली- गलौच, मारपीट वहां से रूम खाली करवा देती है।और गुटखा- तंबाकू, गांजा, नशीले पदार्थों को चोरी-चोरी सप्लाई कर युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर उनका भविष्य खराब कर रही है। यह काम की भनक पुलिस वालों को है कि नही यह पता नही है। या अपनी जेब भर अनजान बनने का नाटक करती है। अगर कोई रोकना चाहे तो वो लोग कुछ लोगों को अपने तरफ से लेकर मारपीट कर के इतना मजबूर कर देते हैं कि उनको जगह छोड़कर जाना पड़ा। ऐसे में उन लोगों के मुंह कोई नही लगना चाहता है।कौन दुश्मनी मोल लेगा। लोग चुप रहते है।इससे उनके हौसले और बुलंद हो गए। अवैध बनी दुबे चॉल में बसे यह लोग के रहते उनके चॉल से निकालना भी मना है। अब तो यह लोग चॉल में गेट भी लगा दिए है। जिससे कोई दूसरा उस चॉल से न गुजरे जिससे उस चॉल के अंदर कैसी गतिविधियों को चलाया जाता है किसी को पता नहीं चले। संयोग से एडवोकेट शीला राजपूत नामक पास में रहने वाली लड़की ने उस गली से गुजरी तो उर्मिला यादव और आनंद यादव ने गाली गलौच किए जान से मारने की धमकी दिए। और अश्लील भाषा और मारपीट करने की कोशिश की। माहौल को बिगड़ते देख वकील साहिबा ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस को आने के बाद पुलिस समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी हिम्मत की भी इतनी कि सीधे नायगांव पुलिस स्टेशन पहुंच वकील के खिलाफ ही शिकायत दर्ज करने की गुहार लगाने लगी। और पुलिस जब असमाजिक तत्वों की ही शिकायत सुन कर वकील और मीडिया पर केस बनाने लगे तो समझो फिर कितने में बिकी होगी पुलिस और कैसे आदिवासी रहिवासी नागरिकों की सहायता सुविधा सुरक्षा मुहैया होगी। हालांकि बहुत समय वकील साहिबा को पुलिस स्टेशन में रहने के बाद 26 /07/2025 , को धारा (ए) 351(2) 352 , के तहत एक एन सी दर्ज की गई। उर्मिला यादव और आनंद यादव के नाम से लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई। जिसके कारण एक दिन बाद फिर से पुलिस स्टेशन में पूनम पाटिल, राधा पतले उर्फ बंगाली ,स्वप्लिन चौगले कुछ महिलाओं को लेकर पहुंच गई वकील साहिबा के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए। लेकिन फिर पुलिस उल्टा वकील साहिबा का साथ न देकर गलत का साथ देकर उनके हौसला को और बढ़ावा दे रही है। जबिक बताया जाता है कि उर्मिला यादव और आनंद यादव के खिलाफ काफी शिकायत है। फिर भी पुलिस वैसे लोगों का साथ देकर क्राइम और अश्लील भाषा, कॉमेंट, नशीले पदार्थों को बढ़ावा देने का काम कर रही है।जिससे वहां के लोगों में शासन प्रशासन पुलिस के खिलाफ काफी रोष व्याप्त है। इस तरह का माहौल देखकर जब पता करने की कोशिश किए तो पता चला रूपेश दुबे के माध्यम से चॉल का निर्माण हुआ है। और एक बिल्डिंग का कुछ निर्माण कार्य कर रुका हुआ है। रूपेश दुबे को मोबाइल नंबर +919702660010 पर बात कर उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहे तो उन्होंने ने कहा जो भी कुछ समस्या है वह हम देख लेंगे। और जब उर्मिला यादव से मोबाइल नंबर +919920408988,बात करने की कोशिश किए तो कोई प्रतिक्रिया नही मिली।अगर दुबे चॉल की बढ़ रही गतिविधियों पर ध्यान न देकर लापरवाही बरती गई तो आने वाले कल में कोइ बड़ी अनहोनी घटना हो सकती है। जिसका जिम्मेदार शासन प्रशासन ग्रामपंचायत विभाग पुलिस कर्मचारी और बिल्डर होंगे जिसके संरक्षण में आदिवासियों की जमीन पर असमाजिक तत्वों को बसाया जा रहा है और वहां के रहिवासी नागरिकों को खतरे में डाला जा रहा है।

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