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संभाग स्तरीय समावेशित बाल उत्सव का हुआ आयोजन

सीकर. अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग जन दिवस के अवसर पर बौद्धिक दिव्यांग व मूक बधिर बच्चों की शिक्षा एवं पुनर्वास में कार्यरत संस्था आशा का झरना द्वारा द हंस फ़ाउंडेशन नई दिल्ली के सौंजन्य से गुरूवार को संस्थान के 210 विशेष बच्चों व 16 सरकारी एवं ग़ैर सरकारी विद्यालयों के 280 सामान्य बच्चों के बीच संभाग स्तरीय समावेशित बाल उत्सव का आयोजन एस.के.स्कूल खेल मैदान में किया गया।

दिव्यांगता जागरूकता रैली बढ़ते क़दम सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित हैप्पी, मूक बधिर आलिया, दृष्टिबाधित मोहित, एडीपीसी राकेश लाटा, सक्षम से रतनलाल शर्मा, जी एल शर्मा तथा आशा का झरना निदेशक डॉक्टर सुदीप गोयल ने जाटिया बाज़ार से रवाना किया। दिव्यांगों के लिए समान अधिकार, सुगम्य वातावरण की उपलब्धता, समावेशी शिक्षा, रोज़गार व स्वास्थ्य सेवाएँ तथा समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नारे लगाकर समुदाय को दिव्यांगों के प्रति जागरूक करते हुए रैली स्टेशन रोड सिल्वर जुबली रोड होते हुए एस के स्कूल खेल मैदान में समाप्त हुई, जहाँ पर सुरेश अग्रवाल ने बच्चों का स्वागत चॉकलेट देकर किया ।

एसके मैदान में दिव्यांग अधिकार अधिनियम की अधिसूचित 21 विकलांगताओं के अनुरूप सामान्य एवं दिव्यांग बच्चों के मध्य इक्कीस प्रकार की खेल कूद प्रतियोगिताएँ तथा मनोरंजन की गतिविधियों सहित बाल मेले का आयोजन किया गया। सभी प्रतियोगिताओं में सामान्य एवं विशेष बच्चों ने बढ़—चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई। कुल छियासठ पुरस्कारों में से तीस पुरस्कार दिव्यांग बच्चों ने अपने नाम कर साबित कर दिया कि प्रतिभा में वे भी किसी से कम नहीं है। सभी बच्चों को सहभागिता पुरस्कार प्रमाण पत्र जूस केक दिए गए। अनुपमा मेडिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों ने अपनी सेवाएँ दी । राजकीय प्रशिक्षण संस्थान सीकर प्रिंसिपल सुनीत कुमार काजला ने बच्चों के लिए मिकी माउस, ट्रैमपॉलीन, गन शॉट, रिंग थ्रो आदि खेल को प्रायोजित किया। सुबोध बीएड कॉलेज सीकर के ट्रैनी ने प्रिंसिपल रामनिवास यादव के नेतृत्व में कार्यक्रम के संचालन में सहयोग दिया। देव विद्यालय सीकर के बच्चों ने आशा का झरना के दिव्यांग बच्चों के साथ मिलकर लघु नाटिका की प्रस्तुति दी। संस्था समन्वयक तरुण कुमार दुबे ने सभी विद्यालयों को स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र व सहभागिता पुरस्कार देकर आभार व्यक्त किया। निदेशक डॉ. सुदीप गोयल ने बताया कि संस्था द्वारा सीकर नवलगढ़ व झुंझुनू स्थित तीन विशेष विद्यालयों के साथ फ़तेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी, खंडेला में राजकीय विद्यालयों में समावेशित शिक्षा प्रकल्पों की शुरुआत भी वर्तमान सत्र से की गई है जहाँ पर संस्था द्वारा नियुक्त विशेष शिक्षक द्वारा बौद्धिक दिव्यांग व मूक बधिर बच्चों को पहली बार शिक्षा से जोड़ा गया है। एक दिवसीय उत्सव का उद्देश्य विशेष बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना व सामान्य बच्चों में उनके लिए सम अनुभूति व सहयोग की भावना जागृत करना है।

HARAT KUMAR

Harat Kumar Editor, Vande Bharat Bharat Live TV News
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