बलिया।सुबह के 10 बज रहे हैं।धूल से सब धुंआ-धुंआ था…दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा था…बस शोर के बीच टॉपों की आवाज आ रही थी। देखते ही देखते टॉपों की आवाज तेज हुई और सामने से रॉकेट की तरह एक सफेद घोड़ा निकला। रफ्तार इतनी तेज थी कि पलक झपकते ही वह काफी दूर निकल गया। हवा से बात करने वाला यह घोड़ा सामान्य नहीं तूफान है।लगाम ढीली करते ही 40 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने वाला तूफान सुदिष्ट बाबा के अश्व की मेले की शान है। वैसे तो इस मेले में 5 हजार घोड़े घोड़ी बिकने के लिए आए हैं, लेकिन क्षेत्र के चाई छपरा के अश्व पालक भूलन यादव के तूफान की जोड़ का घोड़ा एक भी नहीं है। भूलन यादव बताते हैं कि यह अभी 22 माह का घोड़ा है।इसे प्रतिदिन ढाई किलो दूध दो किलो गेहू व डेढ़ किलो चोकर प्रतिदिन खाने में दिया जाता है।बताया कि घोड़े की कीमत तीन लाख रुपए है।इस अश्व मेला में अब घोड़ों के शौकीन लोग उमड़ रहे हैं। दो वर्षों से तूफान ने धूम मचा रखा है।यह घोड़ा पलक झपकते ही हवा से बात करने लगता है।इसे चने खाना व दूध पीना बेहद पसंद है।इसे खरिदने के लिए फार्च्यूनर से लेकर कई तरह के लक्जरी गाड़ियों से लोग आ रहे हैं।
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