CT 2025:- चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन 19 फरवरी से पाकिस्तान की मेजबानी में होने जा रहा है. टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में होने के कारण पहले ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चिंता में है. लेकिन मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत के मुकाबले दुबई में शिफ्ट होने के बाद अब पाकिस्तान में होने वाले एक और मैच के बायकॉट करने की खबरें सामने आ रही हैं. दरअसल, साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने अपने क्रिकेट बोर्ड से अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले का विरोध करने और नहीं खेलने की अपील की है. बता दें इस टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के सभी मैच पाकिस्तान में होने हैं.
आईसीसी और दूसरे बोर्ड से भी अपील
साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री ने कहा कि ‘वो एक ऐसे कम्युनिटी से आते हैं, जिसे रंगभेद के समय खेल के क्षेत्र में अवसर नहीं दिया जाता था. इसलिए अब अगर ऐसी चीज किसी दूसरे देश में हो रही हो तो उसका विरोध नहीं करना दोगलापन और अनैतिक होगा.’ बता दें वो अफगानिस्तान में महिलाओं के खेलने पर रोक लगाने का विरोध करने की बात कर रहे हैं.
मैकेंजी ने ना सिर्फ अपने बोर्ड बल्कि आईसीसी और दूसरे क्रिकेट बोर्ड से भी इस मामले में एक्शन लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि ‘आईसीसी और दूसरे देश की संस्थाओं को सोचना होगा कि क्रिकेट का खेल दुनिया को क्या संदेश देना चाहता है. खासतौर से खेल में महिलाओं को लेकर किस तरह से देखता है. मुझे उम्मीद है कि इस खेल से जुड़े सभी समर्थक, खिलाड़ी और अधिकारी अफगानिस्तान की महिलाओं के समर्थन में एक मजबूत रुख अपनाएंगे.’
पीसीबी की बढ़ी टेंशन
साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री ने की अपील के बाद पीसीबी टेंशन बढ़ गई है. अगर ऐसा हुआ तो पीसीबी को इसका भारी नुकसान हो सकता है. इससे होने वाली कमाई पर असर पड़ेगा. पहले ही 15 में से भारत के 3 मैच और एक सेमीफाइनल दुबई में शिफ्ट किया जा चुका है. इसके अलावा टीम इंडिया अगर फाइनल पहुंचती है तो वो भी दुबई में ही खेला जाएगा. ऐसे में एक और मैच का नुकसान पीसीबी को भारी पड़ सकता है.
हालांकि, साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री के हाथ में बायकॉट कराने का अधिकार नहीं है. मैकेंजी ने खुद कहा कि ये अधिकार उनके पास नहीं है. ये फैसला सिर्फ बोर्ड और सरकार ही ले सकते हैं. बता दें साउथ क्रिकेट बोर्ड या उनकी सरकार की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. अब देखना होगा कि वो क्या फैसला लेते हैं. इससे पहले इंग्लैंड के नेताओं ने भी ईसीबी से यही अपील की थी, जिसे उसने खारिज कर दिया था.
स्टेडियमों में नवीनीकरण के काम में देरी के कारण चैंपियंस ट्रॉफी को पाकिस्तान से बाहर स्थानांतरित करने की संभावना का दावा करने वाली रिपोर्टों के बीच, पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि तैयारियां जोरों पर हैं और स्टेडियमों से संबंधित सभी काम पहले सप्ताह तक पूरे कर लिए जाएंगे। फ़रवरी। चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से शुरू होगी। 15 प्रतियोगिताओं वाला आठ टीमों का टूर्नामेंट 9 मार्च को समाप्त होगा। रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम, लाहौर का गद्दाफी स्टेडियम और कराची का नेशनल बैंक स्टेडियम चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों की मेजबानी करने वाले हैं।
आयोजन स्थलों पर नवीनीकरण का काम, जो पिछले साल अगस्त में शुरू हुआ था और 31 दिसंबर तक पूरा होना था, अभी तक पूरा नहीं हुआ है, कई रिपोर्टें सामने आईं कि आईसीसी तीन स्टेडियमों का निरीक्षण करने के लिए एक टीम पाकिस्तान भेजेगी। अगर 12 फरवरी को आयोजन स्थल हैंडओवर के लिए तैयार नहीं हुए तो पूरा टूर्नामेंट यूएई में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
“सभी काम (स्टेडियम से संबंधित) फरवरी के पहले सप्ताह तक हो जाएंगे। पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी की सफलतापूर्वक मेजबानी करेगा। किसी भी अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे लोग हैं जो कोशिश कर रहे हैं।” पीसीबी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की छवि खराब करें। हम जानते हैं कि वे कौन हैं और ऐसा क्यों कर रहे हैं।”
हालाँकि, पीसीबी ने बुधवार को एकदिवसीय त्रिकोणीय श्रृंखला को मुल्तान से कराची और लाहौर में स्थानांतरित कर दिया, जिसमें दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड भी शामिल थे, यह कहते हुए कि यह कदम लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम और कराची के नेशनल स्टेडियम में तैयारियों के उन्नत चरण के कारण था, जो होगा चैंपियंस ट्रॉफी के 12 ग्रुप स्टेज मैचों में से छह की मेजबानी। पाकिस्तान 1996 के बाद पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है, जब उसने वनडे विश्व कप की सह-मेजबानी की थी।