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गोरखपुर में लगभग 45 करोड़ रु0 की लागत से बनने वाले 500 बेड की क्षमता के पावरग्रिड विश्राम सदन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास

गोरखपुर उत्तर पदेश

मुख्यमंत्री ने एम्स, गोरखपुर में लगभग 45 करोड़ रु0 की लागत से बनने वाले 500 बेड की क्षमता के पावरग्रिड विश्राम सदन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।प्रधानमंत्री जी द्वारा एम्स, गोरखपुर के रूप में रोपा गया बीज, आज एक वटवृक्ष बनकर हजारों पीड़ितों को आरोग्यता प्रदान करने तथा नया जीवनदान देने का केन्द्र बना : मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री जी के 10 वर्षों के कार्यकाल में देश में 22 नए एम्स बने हैं या बन रहे।मरीजों के अटेन्डेण्ट हेतु एम्स, गोरखपुर के लिए सी0एस0आर0 निधि से रैन बसेरा स्वीकृत किया गया, पावरग्रिड कॉरपोरेशन इस सुविधा केन्द्र का निर्माण कर रहा ।गोरखपुर के अगल-बगल के जनपदों कुशीनगर,देवरिया, महराजगंज,सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर सहित नेपाल और नॉर्थ वेस्ट बिहार एम्स पर अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्भर उ0प्र0 ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ की दिशा में तेजी से अग्रसर, गोरखपुर के अगल-बगल के सभी जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके ।एक चिकित्सक की सबसे बड़ी पहचान उसकी संवेदना एम्स, गोरखपुर पूर्वी उ0प्र0 का स्वास्थ्य सेवा का हब बनना चाहिए, यहां से अन्य मेडिकल कॉलेज या जनपद चिकित्सालयों को स्पोक के रूप में जोड़ते हुए टेलीकन्सल्टेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।सभी मेडिकल कॉलेज में स्थानीय स्तर पर ही क्रिटिकल केयर और ट्रॉमा सेण्टर की सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए।

लखनऊ : 18 अप्रैल, 2025

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्तमान में एम्स, गोरखपुर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के केन्द्र में बसा है। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एम्स, गोरखपुर का लोकार्पण किया था। जुलाई, 2016 में प्रधानमंत्री जी द्वारा एम्स, गोरखपुर के रूप में रोपा गया बीज, आज एक वटवृक्ष बनकर हजारों पीड़ितों को आरोग्यता प्रदान करने तथा नया जीवनदान देने का केन्द्र बन गया है। 

 मुख्यमंत्री जी ने आज एम्स, गोरखपुर में लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 500 बेड की क्षमता के पावरग्रिड विश्राम सदन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 

 मुख्यमंत्री जी ने एम्स में पेशेन्ट अटेन्डेण्ट हेतु आवासीय सुविधा के विकास के लिए पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड को बधाई देते हुए कहा कि आज हम एम्स, गोरखपुर में आने वाले मरीजों के परिजनों के लिए विश्राम सदन के शिलान्यास कार्यक्रम से जुड़े हैं। मरीज अस्पताल में एडमिट हो जाते हैं, लेकिन क्रिटिकल केयर से जुड़े, इमरजेंसी में एडमिट या आई0सी0यू0 में भर्ती मरीजों के अटेन्डेण्ट उनके साथ नहीं रह सकते हैं। अक्सर मरीज के परिजन अस्पताल के बाहर ही सड़कों पर लेटे रहते हैं, उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं होती है। ऐसी स्थिति में हमने पेशेन्ट के अटेन्डेण्ट के लिए भी ऐसी व्यवस्था किए जाने की बात कही, जहां वह सुरक्षित रह सकें। हमने एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0, बी0एच0यू0 और एम्स गोरखपुर में पेशेण्ट के अटेन्डेण्ट के लिए बड़े केन्द्र बनाए जाने की जिम्मेदारी श्री अवनीश कुमार अवस्थी को सौंपी। इसके लिए विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों से बात की गई। 

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी ने पी0जी0आई, के0जी0एम0यू0 और आर0एम0एल0 चिकित्सा संस्थान के लिए तीन रैन बसेरे बनाए जाने की स्वीकृति दी। श्री आर0के0 सिंह पूर्व विद्युत मंत्री, भारत सरकार ने एम्स गोरखपुर के लिए सी0एस0आर0 निधि से रैन बसेरा स्वीकृत किया। यह सभी मरीजों के अटेन्डेण्ट के लिए हैं। 

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अक्सर एक मरीज के साथ कम से कम तीन से चार अटेन्डेण्ट होते हैं। एम्स गोरखपुर की ऑक्युपेंसी रेट 75 से 80 प्रतिशत के बीच में है। इस रूप में कम से कम 1,200 लोग एम्स गोरखपुर में ऐसे होते हैं, जिन्हें सिर छुपाने के लिए सड़कों पर या अन्य जगहों पर रहना पड़ता है। लोग भीषण गर्मी के दौरान धूप झेलने, भीषण सर्दी में ठिठुरने और मूसलाधार बारिश में भीगने को मजबूर होते हैं। यह बहुत अमानवीय स्थिति होती है। हमें ऐसे लोगों के बारे में सोचना होगा, जो अपने मरीज की पीड़ा के साथ जुड़ते हुए यहां पर आए हैं और फिर वह यहां पर अतिरिक्त पीड़ा झेलते हैं। 

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह विचार सबसे अच्छा है कि हम मरीजों के परिजनों के लिए न्यूनतम यूजर चार्ज पर रहने की व्यवस्था करे। यूजर चार्ज को मेण्टीनेन्स के साथ जोड़ा जाए। सस्ते में कैंटीन की सुविधा दी जाए। जब गोरखपुर में इन्सेफेलाइटिस बीमारी का प्रकोप था, उस समय बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज उसका हॉट स्पॉट था। यहीं पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी मरीज आते थे। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में उस दौरान बड़ी अव्यवस्था देखने को मिलती थी। उस समय हमने एक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में एक व्यवस्था बनाई, जिसके तहत 08 रुपये में भोजन की व्यवस्था की गई थी। 

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भी बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज तथा गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय में 10 रुपये में गुणवत्तायुक्त भोजन की सुविधा मरीज के अटेन्डेण्ट को प्राप्त होती है। ऐसी ही सेवा भाव से कार्य करने वाली संस्थाओं को एम्स, गोरखपुर में कैण्टीन की व्यवस्था की जिम्मेदारी देते हुए मरीजों के परिजनों को क्वालिटीयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाए। वहां स्वच्छता रखी जाए। इससे हम बड़े पैमाने पर स्वच्छता के लक्ष्य को भी प्राप्त कर पाएंगे और एक अमानवीय स्थिति को भी रोक पाएंगे। इससे वातावरण भी साफ सुथरा रहेगा तथा मरीज और मरीज के परिजन संस्थान से एक अच्छा संदेश लेकर जाएंगे। यह प्रसन्नता का विषय है कि पावरग्रिड कॉरपोरेशन एम्स, गोरखपुर में इस सुविधा केन्द्र का निर्माण कर रहा है। पावरग्रिड कॉरपोरेशन सहजनवां में भी एक नए आई0टी0आई0 का विकास कर रहा है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले गोरखपुर में एम्स की स्थापना एक कल्पना थी। वर्ष 2003 से ही हम इसके लिए प्रयास कर रहे थे। उस समय श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी देश के प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री के रूप में श्रद्धेय अटल जी ने दिल्ली के बाहर 06 एम्स की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र दिया। इसका एक मूर्त रूप स्वास्थ्य की सुविधा के रूप में हम सबको देखने को मिल रहा है। आज एम्स, गोरखपुर को एक नई उपलब्धि प्राप्त हो रही है। प्रधानमंत्री जी के इन 10 वर्षों के कार्यकाल में देश में 22 नए एम्स बने हैं या बन रहे हैं। इनमें गोरखपुर एम्स भी शामिल है। आज गोरखपुर का एम्स अपने भव्य परिसर के साथ कार्य कर रहा है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर के अगल-बगल के जनपदों कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर की बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एम्स पर निर्भर है। अकेले गोरखपुर की आबादी ही 65 से 70 लाख है। नेपाल और नॉर्थ वेस्ट बिहार भी गोरखपुर पर अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्भर हैं। ऐसी स्थितियों में एक बड़े केन्द्र के रूप में हमें अपने आप को तैयार करना चाहिए। वर्ष 2019 में एम्स के पहले बैच ने एडमिशन लिया था। यह बैच इण्टर्नशिप के लिए जा चुका है। एक चिकित्सक की सबसे बड़ी पहचान उसकी संवेदना होती है। डॉक्टर की संवेदना एक गम्भीर से गम्भीर मरीज की आधी बीमारी को दूर कर सकती है। डॉक्टर का व्यवहार इसी के अनुरूप होना चाहिए।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ की दिशा में तेजी से अग्रसर है। सभी मेडिकल कॉलेज में स्थानीय स्तर पर ही क्रिटिकल केयर और ट्रॉमा सेण्टर की सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। हमें रेफर करने से बचना होगा। एम्स, गोरखपुर को भी क्रिटिकल केयर की आवश्यकता वाले मरीजों का इलाज करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। डॉक्टर को अपना समय देना होगा। दुनिया में जितने भी अच्छे रिसर्च हुए हैं, वह वह अधिक से अधिक डाटा कलेक्शन करने की क्षमता से ही आगे बढ़े हैं। चिकित्सक अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित ना करें कि उन्हें प्रतिदिन कितने मरीज देखने हैं। बल्कि जितने भी मरीज आए, उन्हें देखना चाहिए। हर मरीज उनके लिए एक नया अनुभव है और एक नया ज्ञान भी प्रदान करता है। यह आपके डाटा बैंक में भी वृद्धि करेगा। हर मरीज अलग-अलग पृष्ठभूमि, परिस्थिति और पारिस्थितिकी से अपनी पीड़ा के साथ डॉक्टर के पास आते हैं। मरीजों की पीड़ा को ध्यान से सुना जाना चाहिए। इससे आप उनका निराकरण करने में सक्षम होंगे।  

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ से हब एण्ड स्पोक मॉडल पर टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा शुरू की गई है। हमने कोविड कालखण्ड में इस मॉडल को अपनाया था। उस समय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमने हर जनपद में आई0सी0यू0 की व्यवस्था के प्रयास किए थे। आई0सी0यू0 के संचालन के लिए एक्सपर्ट्स डॉक्टर की आवश्यकता थी। हमने प्रदेश के सभी एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉक्टर की ट्रेनिंग कराई। एम्स, गोरखपुर तथा एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ में मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए। उन्हें जनपदों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देने के लिए भेजा गया। इस दौरान भारत सरकार और प्रदेश सरकार ने मिलकर हर जनपद में वेण्टीलेटर उपलब्ध कराए और आई0सी0यू0 स्थापित कराए।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 और आर0एम0एल0 के लिए यह अनिवार्य किया गया कि प्रतिदिन एक घण्टा टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से जनपदों में वर्चुअल आई0सी0यू0 से जुड़ेंगे। इससे किसी भी संभावित परेशानी को समय से रोका जाना सम्भव हुआ। उत्तर प्रदेश का यह मॉडल बहुत सफल रहा। आज पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ने फिर से उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को एस0जी0पी0जी0आई0 के साथ जोड़ने के लिए टेलीकन्सल्टेशन की व्यवस्था दी है। यह हब एण्ड स्पोक मॉडल पर आधारित है। इसमें हब एस0जी0पी0जी0आई0 है और स्पोक मेडिकल कॉलेजों की एक श्रृंखला है। इसके माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। वहां के आई0सी0यू0 वर्चुअल माध्यम से एस0जी0पी0जी0आई0 से जुड़े हैं।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें तकनीक का उपयोग करना होगा। तकनीक के उपयोग से ही हम अधिक से अधिक लोगों को अपनी सेवाएं दे सकते हैं। एम्स, गोरखपुर की ओ0पी0डी0 प्रतिदिन लगभग 4000 तक पहुंच गई है। जब यहां सभी प्रकार की सुपरस्पेशियलिटी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगीं, तो यही ओ0पी0डी0 बढ़कर 10,000 तक पहुंच जाएगी। उस समय हमें स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी। स्क्रीनिंग के लिए एम्स गोरखपुर एक सेण्टर बनना चाहिए। गोरखपुर के अगल-बगल के सभी जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। एम्स, गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य सेवा का हब बनना चाहिए। यहां से अन्य मेडिकल कॉलेज या जनपद चिकित्सालयों को स्पोक के रूप में जोड़ते हुए टेलीकन्सल्टेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इससे एम्स, गोरखपुर में केवल ऐसे मरीज ही आएंगे, जिन्हें यहां चिकित्सा की आवश्यकता है। सामान्य मरीजों को टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती हैं। इससे एम्स की गुणवत्ता भी बनी रहेगी और यहां के चिकित्सक भी अधिक से अधिक मरीजों को सेवाएं देने में सक्षम होंगे। हमें भविष्य की इन सुविधाओं के लिए तैयार होना होगा। 

 मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री जी के सबके स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति विजन में योगदान देते हुए हम वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे पाएंगे।

 इस अवसर पर एम्स, गोरखपुर की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष श्री देश दीपक वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में एम्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्तमान में एम्स, गोरखपुर में 05 सुपर स्पेशियलिटी डिपार्टमेण्ट संचालित हो चुके हैं। गोरखपुर एम्स प्रथम श्रेणी के संस्थानों में तेजी से शामिल हो रहा है।

 इस अवसर पर सांसद श्री रवि किशन शुक्ल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, एम्स, गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ0 विभा दत्ता, पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लि0 के निदेशक (कार्मिक) श्री यतीन्द्र द्विवेदी एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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