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राजगढ़लोकसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश में दूसरादिलचस्प चुनाव हो रहा है। यहां सेकांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व

सुसनेर। राजगढ़लोकसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश में दूसरादिलचस्प चुनाव हो रहा है। यहां सेकांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्रीदिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। वे 31साल बाद राजगढ़ वापस लौटे है।दिग्विजय सिंह ने यहां से पहला लोकसभा चुनाव 1984 में लड़ा था और आखिरी1991 में। बाद में उनके भाई लक्ष्मणसिंह ने यहां से 4 चुनाव कांग्रेस के टिकिटपर और एक चुनाव 2004 में भाजपा केटिकिट पर जीता था। 2009 के चुनाव मेंभी ये सीट कांग्रेस के पास ही थी लेकिन2014 और 2019 के आम चुनाव मेंभाजपा ने कांग्रेस से ये सीट छीन ली थी।अब यहां से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह कामुकाबला भाजपा के वर्तमान सांसदरोडमल नागर से है। दिग्विजय सिंह केचुनाव प्रचार में उनका बेटा जयवर्धन सिंहअपने आठ साल के बेटे के साथ मैदान में हे। पौत्र के चुनाव प्रचार पार उँगलियाँ उठीं तो अब दिग्विजय सिंह की पत्नी श्रीमती अमृता सिंह खुद मैदान में आ गयीं है। वे पुरानी पत्रकार रहीं है और उन्होंने दिग्विजय सिंह के साथ नर्मदा परिक्रमा में भी हिस्सा लिया था। राजगढ़ भी आदिवासी बहुल इलाका है। यहां भी राघौगढ़ राज घराने के प्रति आकर्षण है। खुद राजगढ़ एक जागीर है इसलिए यहां सामंती सोच अभी बरकरार है। खास बात ये है कि भाजपा ने दिग्विजय सिंह को उस तरह से अभी नहीं घेरा है जिस तरह से छिंदवाड़ा में कमलनाथ से निपटने के लिए उनके बेटे नकुलनाथ को घेरा उम्मीद की जा रही है की राजगढ़ में चुनाव नतीजे 2019 के मुकाबले चौंकाने वाले हो सकते हैं। राघौगढ़ राजघराने के लिए शुभचिंतकों की भी कमी कभी नहीं रही। दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह भाजपा में रह चुके हैं। वहीं भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री मोहन यादव पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित राजगढ़ जिले 4 वर्तमान विधायक और दो मध्य प्रदेश शासन के मंत्री ने मैदान संभाल रखा है। वर्तमान में इस संसदीय क्षेत्र के मतदाता भी मौन धारण करे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी केंद्र सरकार के 10 वर्ष में किए गए कार्य नरेंद्र जी मोदी के द्वारा किए गए विकास और मध्य प्रदेश शासन की जन कल्याणकारी अनेक योजनाएं के साथ राम मंदिर मुद्दा धारा 370 और मोदी लहर के सहारे चुनाव लड़ रही हे और गावो में जाकर जनसंपर्क किया जा रहा है। वही कांग्रेस के प्रत्याशी अपने 10 वर्ष मुख्यमंत्री रहते किए गए विकास कार्यों के दम पर मैदान में हे। दिग्विजय सिंह के द्वारा पदयात्रा कर गांव-गांव में पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना एवं अपने चुनाव प्रचार के समय मेरी उम्र 77 वर्ष की हो चुकी है यह मेरा आखिरी चुनाव है पूरा राजगढ़ संसदीय क्षेत्र मेरा परिवार जैसी बाते करके चुनाव प्रचार रहे है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा राजगढ़ संसदीय क्षेत्र का भविष्य किसके हाथ में होगा। वैसे यह राजगढ़ संसदीय क्षेत्र पर पूरी देश दुनिया की निगाहे दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने से टिकी हुई है।

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