

पूर्व विधायक जोशी का मानना है कि “गाय गौशालाओं में नहीं, किसानों के घरों में बचेगी।” वे अपनी पदयात्रा के माध्यम से समाज में गौ संरक्षण को एक जनआंदोलन का रूप देना चाहते हैं। अपने पांच संकल्प — घर-घर तुलसी, पीपल, शंख, गाय और गीता — को लेकर वे लोगों को जोड़ने की मुहिम चला रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव का धन्यवाद देने भोपाल पदयात्रा पर जा रहा हूं। उन्होंने गौवंश पालकों को ₹40 प्रति गौ माता प्रतिदिन की प्रोत्साहन राशि देने की जो योजना बनाई है, वह गौरक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है।”
पदयात्रा मार्ग:
छापीहेड़ा → खुजनेर → बोडा → कुरावर → श्यामपुरा → भोपाल
संतोष जोशी ने यह भी अपील की कि जो भी व्यक्ति सड़कों पर घूम रही गायों को अपने घर लाकर सेवा कर रहे हैं, वे समाज के सच्चे सेवक हैं। उन्होंने ऐसे लोगों की जानकारी साझा करने की अपील भी की है ताकि उन्हें सार्वजनिक सम्मान दिया जा सके।
इस पदयात्रा का उद्देश्य सिर्फ मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना नहीं, बल्कि “गाय बचेगी, तो गांव बचेगा — गांव बचेगा, तो देश बचेगा” के भाव को जन-जन तक पहुंचाना भी है।
गौ सेवा, प्रकृति संरक्षण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की यह पहल निश्चित ही मध्यप्रदेश में एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
वंदे भारत न्यूज से संवाददाता दीपक राठौर की रिपोर्ट,, 7415389901
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