आगरा से पत्रकार प्रैस रिपोर्टर राजीव सिकरवार वन्दे भारत न्यूज लाइफ टीवी समाचार,
।।उल्टी एकादशी।।
।।ॐ नमो नारायण भगवते वासुदेवाय नमः।।
।ॐ नमो नारायण ॐ। एकादशी के दिन चावल के पाप जगन्नाथ पुरी के लोगों को नहीं लगता, आप सभी भक्तों को बता दें कि सिर्फ एकादशी के दिन चावल खाना ही नहीं बल्कि व्रत में चावल खाना भी यहां मान्य है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा जिसके अनुसार एक बार ब्रह्मदेव स्वयं जगन्नाथ पुरी भगवान , जगन्नाथ का महा प्रसाद खाने की इच्छा से पहुंचे लेकिन तब तक महाप्रसाद समाप्त हो चुका था,मात्र एक पत्तल में थोड़ से चावल के दाने थे जिसे एक कुत्ता चाट चाटकर खा रहा था। ब्रह्मदेव भक्ति भाव में इतने डूब गये थे कि जगन्नाथ भगवान का महाप्रसाद खाने की लालसा में उन्होंनेउस कुत्ते के साथ बैठकर ही चावल के बचे कुचे चावलों को खाना शुरू कर दिया, जिस दिन यह घटना घटित हुई उस दिन संयोग से एकादशी थी। ब्रह्मदेव का भक्ति भाव देख जगन्नाथ भगवान स्वयं प्रकट हुए और ब्रह्म देव को इस तरह बिना किसी ऊंच नीच कुत्ते के साथ उनके महाप्रसाद का चावल खाते देख वोले कि आज से मेरे महाप्रसाद में एकादशी का नियम लागू नहीं होगा। बस उसी दिन से जगन्नाथपुरी में एकादशी हो या कोई अन्य तिथि भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद पर किसी भी व्रत या तिथि का प्रभाव नहीं पड़ता है। इस कारण से जगन्नाथपुरी में ।।उल्टी एकादशी।। मनायी जाती है।
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