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इटवा में दस दिवसीय बौद्धाचार्य दीक्षा दीया

बौद्ध भिक्षु ने कहा-भगवान बुद्ध के विचारों पर चलकर विश्व में लाई जा सकती है शांति

इटवा में भारतीय बौद्ध महासभा के बैनर तले इटवा में दस दिवसीय बौद्धाचार्य प्रशिक्षण के तीसरे दिन ग्राम पिपरा मुर्गिहवा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि उनके सिद्धांतों का अनुसरण कर विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। इस प्रशिक्षण का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह बुद्ध की धरती पर हो रहा है। बौद्ध धर्म में सिद्धार्थनगर का विशेष स्थान है, और यहां आयोजित यह शिविर बौद्धमय भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

बौद्ध धर्म में भोजन दान का महत्व

केंद्रीय प्रशिक्षक भंते शिलांकर ने बताया कि बौद्ध धर्म में भोजन दान का विशेष महत्व है और ऐसे आयोजनों में सभी को योगदान देना चाहिए। केंद्रीय प्रशिक्षक उत्तम प्रधान ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चरित्र और बुद्ध धम्म संघ के शीलों का पालन करने पर बल दिया। बौद्ध प्रदेश अध्यक्ष निर्भय कुमार जैसल ने कहा कि बोधिसत्व बाबा साहब ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए जीवनभर संघर्ष किया

बाबा साहब के मिशन को आगे बढ़ाने का आह्वान

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्रदेश सचिव डॉ. आर. के. राव, प्रदेश उपाध्यक्ष केदारनाथ आजाद, और जिलाध्यक्ष राममिलन गौतम ने भी प्रशिक्षण के महत्व पर विचार व्यक्त किए और लोगों से बाबा साहब व भगवान बुद्ध के विचारों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

प्रमुख उपस्थितगण

प्रशिक्षण के दौरान तहसील अध्यक्ष अनिल कुमार गौतम, जय किशोर, संतोष आजाद, गंगा राभ, जय प्रकाश, रमेश वचंद्र, राम प्रगट, श्यामराज, अजय कुमार, हरिश्चंद, और ध्रुपराज समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

 

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