ब्रेकिंग न्यूज़: केजीएमयू में सांस रोगों पर विशेषज्ञ व्याख्यान, वेंटिलेटर के अंधाधुंध उपयोग पर चेतावनी
लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में आज एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रग रेजिस्टेंस टीबी केयर और प्रदेश के पहले पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. फरहा खान ने अपने विचार साझा किए।
वेंटिलेटर का अंधाधुंध उपयोग हो सकता है खतरनाक:
डॉ. फरहा ने अपने व्याख्यान में कहा कि हर मरीज को वेंटिलेटर पर रखना नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने चिकित्सकों को सलाह दी कि वेंटिलेटर का उपयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर ही किया जाए।
सांस के रोगियों के लिए वायु प्रदूषण बड़ी चुनौती:
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सूर्यकांत ने परोक्ष धूम्रपान, वायु प्रदूषण, और लकड़ी के चूल्हे के धुएं को सांस संबंधी रोगों की प्रमुख वजह बताया। उन्होंने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और जन जागरूकता बढ़ाने की अपील की।
भारत-अमेरिका सहयोग पर जोर:
कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति ने कहा कि भारत और अमेरिका को अपने शोध अनुभवों को साझा कर स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान पर बल दिया।
कार्यक्रम की प्रमुख बातें:
- यह व्याख्यान लगभग 100 चिकित्सकों, शोध छात्रों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
- अमेरिका और केजीएमयू के पूर्व छात्रों और चिकित्सकों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया।
- इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दवा प्रतिरोधी टीबी के उपचार और पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन के क्षेत्र में जागरूकता और विशेषज्ञता बढ़ाना था।
(रिपोर्ट: एलिक सिंह, संपादक, वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़)
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