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मुरादाबाद में घर में घुसकर जान से मारने की कोशिशके मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। एडीजीकोर्ट 13 ने 09 साल बाद आरोपी को अर्थ दंड के साथ10 साल की सजा सुनाई है। यह मामला थाना बिलारीमें नवंबर 2016 का है। मुरादाबाद की एडीजे कोर्ट13 द्वारा 15 साल की सज़ा सुनाए जाने के मामले कीशुरुआत 16 नवंबर 2016 से होती है।
बिलारी निवासी अतर सिंह ने थाना बिलारी प्रभारीको तहरीर दी और बताया कि उनकी मौसी कमलेशपत्नी बुद्धसैन, सरिया फैक्ट्री शाहबाद रोड निवासिनीऔर उनकी बेटी उनके साथ घर में अकेली थी। ठीकउनके घर के सामने रह रहा बॉबी उर्फ विजेंद्र सिंह रातके करीब 03 बजे घर में घुस आया। तभी मौसी कीअचानक आंख खुल गई। मौसी ने उसे पहचान लिया।
पहचान होने और पकड़े जाने के डर से बॉबी ने मौसीपर हथौड़े से वार किया और उन्हें लहूलुहान कर दिया।जिसके बाद शोर और चीख पुकार हो गई। तभी मौसीकी बेटी नीरज और पूजा जाग गई । तभी मौका पाकरबॉबी वहां से भाग निकला। जिसके बाद मौसी को थानाभेजकर एफआईआर दर्ज कराई और उपचार के लिएजिला अस्पताल में भ्ती कराया।
इस मामले में 9 साल बाद एडीजे कोर्ट 13 जितेंद्र सिंहने गवाहों और सबूतों के आधार पर बॉबी उर्फ विजेंद्रसिंह को आईपीसी की धारा (307) जान से मारने कीनीयत से हमला करने और घर में घुसकर हमला करने(452) की धारा के तहत 10 साल की सजा और 10हजार रुपए के दंड से दंडित करते हुए सज़ा सुनाई है।
इस मामले में अपर शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागरने सरकार की तरफ से पक्ष रखा।