
राजस्थान सरकार ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि वह प्रदेश की लगभग 1000 से ज्यादा पंचायतों में ‘बर्तन बैंक’ बनाएगी। इन बैंकों में बर्तनों का उपयोग गांव में किसी आयोजन या सामुदायिक कार्यक्रमों में किया जाएगा।
बर्तन बैंक की विशेषताएं 🎉
– बर्तनों का सेट: एक सेट में एक थाली, तीन कटोरी, एक चम्मच और एक गिलास होगा।
– किराया: बर्तन किराए पर देने के लिए तीन रुपए प्रति सेट किराया निर्धारित किया गया है।
– छूट: दिव्यांग, बीपीएल, अनुसूचित जाति, जनजाति और विशेष परिस्थितियों में किराए में पचास प्रतिशत की छूट दी जा सकेगी।
– बर्तनों की देखभाल: बर्तनों की सार संभाल और रेकॉर्ड का मेंटेनेंस महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाएगा।
बर्तन बैंक का संचालन 👩💼
बर्तन बैंक का संचालन राजीविका की ओर से संचालित महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। यह समूह ही बर्तनों की सार संभाल, रेकॉर्ड का मेंटेनेंस और इसे लोगों को देने और जमा करने का काम करेगा।
उद्देश्य 🌟
बर्तन बैंक का उद्देश्य गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाना और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। इससे गांवों में प्लास्टिक की पत्तलों के उपयोग को रोका जा सकेगा और स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
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