
बांदा जिले में बेमौसम बारिश से किसानों की खेतों में कटी पड़ी फसल हुई गीली वहीं खेतों में पड़ा भूसा भी उड़ गया। किसानों का कहना है कि बेमौसम बरसात किसानों की मेहनत में पानी फेर रही है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है। कहना है कि यदि फसल तबाह हो गई तो भला साल भर का परिवार के भरण पोषण का गुजारा कैसे होगा।
बांदा
तेज आंधी और बेमौसम बाारिश से खेतों में पड़ी फसल और भूसा उड़ गया है। अब किसानों को यह चिंता खाये जा रही है कि अपना और परिवारीजनों का पेट तो मेहनत मजदूरी कर भर लेंगे। लेकिन घर मे बंधे दुधारू पशुओं की उदर पूर्ति कैसे होगी। लगातार प्रकृति के बेरुखे रवैये से परेशान किसान खेती को घाटे का सौदा मान हताश है। फतेहगंज क्षेत्र के गांवों में तेज हवा के झोंको के बीच हुई बारिश से चिंतित किसान रामजस,चन्द्रपाल,सीताराम,चन्द्रशेखर पटेल,मुन्ना मिश्रा आदि बताते है कि शनिवार की रात्रि तेज आंधी और पानी से खेतों में पड़ी गेहू और अरहर की फसल उड़ कर दूसरे खेतो में पहुंच गई है। ज्यादातर किसानों ने थ्रेसिंग के बाद भूसा खेतों में छोड़ दिया था। वह पूरा उड़ गया है, कहा कि लगातार कई वर्षों से जब फसले खेतों में तैयार होती है तो प्रकति का आसमानी कहर किसानों के अरमानों को धूल धूसरित कर उनके सपनों को बिखेर देता है। किसान राजाभैया, रामसिया,लल्लू कुशवाहा,राजेश द्विवेदी आदि का कहना है कि किसान खाद,बीज, जुताई , बुवाई के बाद जब फसले अंकुरित होती है तब से रात दिन खेतों की रखवाली के दौरान खेतो में अपना पूरा समय देता है। इसके बावजूद ईश्वर हम किसानों की मेहनत भी छीन लेता है। किसान देवी शरण,नवल सिंह पटेल,मोती लाल पटेल आदि का कहना है कि बदौसा फतेहगंज की ज्यादातर भूमि एक फसल रबी पर निर्भर है। अगर यह फसल प्रकति ने छीना तो किसान तबाह हो जाएगा। किसानों के ऊपर निराशा भरे बादल छाए हुए है। किसान रामखेलावन यादव,कल्लू यादव आदि बताते है कि यहाँ का किसान पूरी तरह से खेती और पशुपालन पर निर्भर हैं। खेतों में पड़ा भूसा तेज आंधी से उड़ गया है। अब घरों में बंधे दुधारू पशुओं की उदर पूर्ति कैसे होगी। बताया कि आंधी और बारिश से नुकासान हुआ है।
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