
करैल ग्राम पंचायत का मामला
सीधी। बात पुरानी है लेकिन खुलासा नया है। लूट का तरीका भी वही है लूटेरा भी वही है और संरक्षक भी वही है । रोजगार गारंटी योजना को लूट की गारंटी योजना माना जाता है जो कि आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी के ग्राम पंचायत करैल में साफ नजर आता है। यहां पर रोजगार सहायक ने अपने ही परिवार के कुछ सही और कुछ फर्जी सदस्यों के नाम पर नौ जॉब कार्ड बनाए और फिर उनमें फर्जी ढंग से हाजिरी भरकर लाखों रुपए का गवन किया है, जबकि रोजगार गारंटी योजना के नियमों के मुताबिक एक परिवार का एक ही जॉब कार्ड बनाया जाना चाहिए जिसमें परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को शामिल किया जाता है यह जॉब कार्ड 5 वर्षों तक चलता है इसके बाद पंचायत द्वारा इसका नवीनीकरण किया जाना चाहिए लेकिन यहां पर 1 वर्ष नहीं एक ही दिन में एक ही परिवार के दो – दो जॉब कार्ड बनाए गए हैं।
1- रंगीलाल यादव पिता रामदीन यादव निवासी ग्राम केरहा ग्राम पंचायत करैल जनपद पंचायत कुसमी जिला सीधी का पहला जॉब कार्ड क्रमांक एमपी -007 – 037 – 003/7 , 28 फरवरी 2006 को बनाया गया जिसमें रंगीलाल उनकी पत्नी पतिया, पुत्री फूल कली और एक अनजान व्यक्ति सोनवा को शामिल किया गया। उक्त जॉब कार्ड में बिना कोई कार्य दर्ज किया उसे 18 जनवरी 2021 को डिलीट कर दिया गया।
2 – इसके बाद दूसरा जॉब कार्ड एमपी -15- 007-037-005 /17-ए 14 अप्रैल 2018 को बनाया गया जिसमें केवल रॅगीलाल को शामिल किया गया। उक्त जॉब कार्ड में भी बिना कोई कार्य दर्ज किया उसे 1 नवंबर 2019 को डिलीट कर दिया गया।
3- रंगीलाल का तीसरा जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15- 007- 037-003/80बी दिनांक 14 अप्रैल 2020 को बनाया गया जिसमें रंगीलाल उम्र 45 वर्ष के अतिरिक्त उनकी पुत्री फूल फूल उम्र 44 वर्ष, दूसरी पुत्री गोरी उर्फ गेंद कली उम्र 25 वर्ष और तीसरी पुत्री अनारकली उम्र 21 वर्ष को शामिल किया गया और सभी का खाता मध्यांचल ग्रामीण बैंक में होना दर्ज किया गया। उक्त जॉब कार्ड में कुल 108 दिवस का कार्य दर्ज किया गया और इसे 16 मई 2021 को डिलीट कर दिया गया।
4- 14 अप्रैल 2020 को ही रंगलाल पिता रामदीन का एक और जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15-007- 037- 003 /95- ए बनाया गया जिसमें रंगीलाल की उम्र 45 वर्ष उनकी पत्नी पतिया उम्र 38 वर्ष पुत्री अनारकली उम्र 25 वर्ष और एक अनजान व्यक्ति रमाशंकर उम्र 20 वर्ष को शामिल किया गया और सभी का बैंक खाता यूनियन बैंक में होना दर्ज किया गया । उक्त जॉब कार्ड में भी 90 दिवस का कार्य दर्ज किया गया है लेकिन मजेदार पहलू यह है कि इस जॉब कार्ड में जहां अनारकली को मांग संख्या 48901 में 2 अप्रैल 2021 से 8 अप्रैल 2021 तक वर्क कोड क्रमांक (17 1500 7037/WC/ 22012034598179 )डग पौड निर्माण ग्राम चंदरसा बेलवारी नाला के पास मैं काम करना बताया गया है साथ ही रंगलाल को मांग संख्या 48899 में दिनांक 2 अप्रैल 2021 से 8 अप्रैल 2021 तक इसी वर्क कोड क्रमांक (1715007037/ WC/ 22012034598179 ) में डग पौड निर्माण ग्राम चंदरसा बेलवारी नाला के पास मे काम करना बताया गया है। यहां तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन फर्जी वाडे में ऑन रिकॉर्ड सब कुछ गड़बड़ हो गया क्योंकि इसी तारीख में दोनों पिता पुत्री यानी कि रंगीलाल और अनारकली को जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15- 007 -037-003/80बी मे अनारकली को मांग संख्या 48814 और रंगीलाल को मांग संख्या 48811 मे दिनांक 2 अप्रैल 2021 से 8 अप्रैल 2021 तक वर्क कोड क्रमांक (1715007037/WC/22012034598180 ) डग पौड निर्माण लोखडीटोला ग्राम चंदरसा मैं काम करना बताया गया है। आब सवाल यह उठता है कि उक्त दोनों पिता पुत्री दोनों जगह पर एक ही तारीख व समय में कैसे कम कर रहे हैं? उक्त जॉब कार्ड भी 29 जून 2021 को डिलीट कर दिया गया।
5-रंगीलाल पिता रामदीन निवासी ग्राम केरहा ग्राम पंचायत करैल का अगला जॉब कार्ड क्रमांक एमपी-15 -007-037-003/112 ए 14 अप्रैल 2021 को बनाया गया जिसमें रंगीलाल, उनकी पत्नी पतिया पुत्री अनारकली, फूलकली और एक अन्य नाम कलिता का शामिल किया गया। उक्त सभी लोगों का फिनो पेमेंट्स बैंक में खाता होना बताया गया। इसमें सभी ने 6 जुलाई 2021 से 23 अगस्त 2021 तक कार्य किया और फिर 2 सितंबर 2021 को इस जॉब कार्ड को डिलीट कर दिया गया।
6- रंगीलाल पिता रामदीन का अगला जॉब कार्ड क्रमांक एमपी -15-007-037-0 03/155 ए दिनांक 14 अप्रैल 2021 को ही बनाया गया जिसमें रंगीलाल और उनकी पत्नी पतिया को शामिल किया गया और दोनों का फिनो पेमेंट्स बैंक में खाता होना बताया गया। इसमें दोनों को 1 अप्रैल 2022 से 22 मई 2022 तक विभिन्न निर्माण कार्यों में शामिल होना बताया गया इसके बाद इन्हीं दोनों को 21 सितंबर 2021 से 12 दिसंबर 2021 तक भी विभिन्न निर्माण कार्यों में सॅलिफ्त किया गया और फिर 14 सितंबर 2023 को इस जॉब कार्ड को भी डिलीट कर दिया गया।
7- रंगलाल पिता रामदीन का सातवां जॉब कार्ड 6 दिसंबर 2022 को एमपी -15-007- 037-0 03/87बी बनाया गया जिसमें रंगीलाल और उनकी पत्नी पतिया को शामिल किया गया। उक्त दोनों लोगों का खाता यहां पर इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में होना बताया गया। उक्त जॉब कार्ड में दोनों ने 7 दिसंबर 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक और 5 जनवरी 2023 से 26 फरवरी 2023 तक कार्य किया और फिर 14 सितंबर 2023 को इस जॉब कार्ड को भी डिलीट कर दिया गया।
8- रंगीलाल पिता रामदीन का आठवां जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15-007-037-0 03/457सी 22 जनवरी 2025 को बनाया गया है जिसमें अभी तक कोई एंट्री नहीं की गई है।
9- रंगीलाल पिता रामदीन के नाम पर आठ जॉब कार्ड बनाए जाने के बावजूद उनकी पत्नी पतिया के नाम पर 26 जनवरी 2020 को जॉब कार्ड क्रमांक एमपी -15-007-037-003/116बी बनाया गया जिसमें बगैर कोई एंट्री किए उसे 10 अगस्त 2020 को डिलीट कर दिया गया।
सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक एक ही परिवार के इतने सारे जॉब कार्ड बनाए जाने के बावजूद हकीकत यह है कि रंगीलाल की पुत्री फूलकली का विवाह वर्ष 2015-16 में सिंगरौली जिले के ग्राम पंचायत पोखरी टोला में हुआ है इसके बावजूद भी उसे वर्ष 2020 और 2021 में ग्राम पंचायत करैल में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करना बताया गया है। इसी तरह रंगीलाल की दूसरी पुत्री गेंदकली उर्फ गोलरी का विवाह वर्ष 2017 में सिंगरौली जिले के ग्राम पंचायत पोखरी टोला में हो चुका है इसके बावजूद भी उसे भी वर्ष 2021 में ग्राम पंचायत करैल में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करना बताया गया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि रंगीलाल पिता रामदीन ग्राम पंचायत करैल में पदस्थ रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव के पिता छोटेलाल यादव पिता रामदीन यादव के भाई हैं। फर्जीवडे के जरिए फर्श से अर्ष तक पहुंचे शिव प्रसाद यादव के संदर्भ में यह एक बड़ा खुलासा है और यदि गहराई से जांच की जाए तो अभी इस तरह के कई और भी बड़े फर्जीवाड़े सामने आएंगे। हालांकि चांदी की बेडियो में जकड़ा हुआ प्रशासन किसी भी तरह की जांच और कार्यवाही से परहेज करता हुआ नजर आ रहा है आखिर कब तक? बात है ना सही कि रोजगार गारंटी योजना को भ्रस्ट प्रशासन के संरक्षण में लूट की गारंटी योजना बना दिया गया है इसमें कोई शक नहीं है।
100 दिन से अधिक का रोजगार——-
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी रोजगार गारंटी योजना के नियमों के मुताबिक प्रत्येक जॉब कार्ड धारी परिवार को एक वर्ष में केवल 100 दिन का रोजगार दिया जा सकता है लेकिन यहां पर भारत सरकार के उस नियम को ठेंगा दिखाते हुए मनमानी ढंग से हाजिरी भरी गई जिसे देखकर ऐसा लगता है कि रोजगार सहायक सरकार के नियमों की ऐसी तैसी करने में कोई संकोच नहीं करते हैं। वर्ष 2021 में जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-003/112ए मे रंगीलाल को 24 दिन, अनारकली को 24 दिन, पतिया को 24 दिन,फूलकली को 24 दिन और कलिता को 24 दिन का भुगतान फिनो पेमेंट्स बैंक में किया गया।। जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-003/155 ए मे रंगीलाल 96 दिन और उसकी पत्नी पतिया को 90 दिन का भुगतान फिनो पेमेंट्स बैंक में किया गया, जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-003/95 ए मे रंगीलाल 24 दिन, अनारकली को 24 दिन, पतिया को 24 दिन , रमाशंकर को 18 दिन का भुगतान यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाते में किया जाना दर्शाया गया है, वही जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-003/80 बी मे रंगीलाल 30 दिन, रंगीलाल की पुत्री फूल को 30 दिन, गोलरी उर्फ गेंदकली को 24 दिन और अनारकली को 24 दिन का भुगतान मध्यांचल ग्रामीण बैंक के बैंक खाते में किया जाना बताया गया है। इस तरह रंगीलाल पिता रामदीन निवासी ग्राम केरहा के चार जॉब कार्डो में तीन बैंको मे खातों के माध्यम से वर्ष 2021 के दौरान अकेले रंगीला को 174 दिन तथा पूरे परिवार को कुल 564 दिन का रोजगार जनरेट कर तीन अलग-अलग बैंक खातों में भुगतान किया गया है। इनमें से दो जॉब कार्ड 14 अप्रैल 2020 को और दो जॉब कार्ड 14 अप्रैल 2021 को बनाए गए हैं और भुगतान के बाद सभी को डिलीट कर दिया गया है। बताया जाता है कि भारत सरकार द्वारा जॉब कार्डों को आधार से लिंक करने हेतु जब आदेश जारी किया गया तो ऐसे फर्जी जॉब कार्डों को डिलीट कर दिया गया है क्योंकि अब केवल उन्हीं जॉब कार्ड में वेज लिस्ट जारी हो सकती है जो आधार से लिंक है।
सीईओ जनपद पंचायत कुसमी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा से इस संबंध में जानकारी बाबत समस्त दस्तावेज साझा करने के बाद उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया और ना ही कोई जानकारी दी।