
वाराणसी में LUCC (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी) द्वारा किए गए चिटफंड घोटाले में कई निवेशकों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। कंपनी ने निवेशकों को 4-5 वर्षों में पैसे दोगुना करने का वादा कर लगभग ₹3 करोड़ की ठगी की है। प्रमुख घटनाक्रम:
निवेशकों की शिकायतें: सोनभद्र के बीजपुर निवासी शिरोमणि जायसवाल ने बताया कि उन्होंने स्वयं ₹68.33 लाख निवेश किए, जबकि उनके रिश्तेदारों और संपर्कों ने मिलाकर ₹54 लाख का निवेश किया। अन्य निवेशकों में दीप नारायण और दरोगा लाल ने क्रमशः ₹87 लाख और ₹79 लाख के निवेश की जानकारी दी। कंपनी की गतिविधियाँ: LUCC का कार्यालय सिगरा में स्थित था, और इसके प्रतिनिधि छावनी क्षेत्र के होटलों में सेमिनार आयोजित कर निवेश योजनाओं की जानकारी देते थे। कंपनी ने लगभग 500 से 700 एजेंटों के माध्यम से हजारों लोगों से निवेश करवाया। कानूनी कार्रवाई: कैंट थाने में तीन नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें कंपनी के अधिकारियों और एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। नवी मुंबई निवासी समीर अग्रवाल, शबाब हुसैन, वाराणसी की सानिया अग्रवाल, मंजय मुदगिल, आरके शेट्टी, अभय राय समेत अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
आपकी सहायता के लिए सुझाव:
यदि आप भी इस घोटाले से प्रभावित हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें: अपने नजदीकी पुलिस थाने में जाकर विस्तृत शिकायत दर्ज कराएं और सभी संबंधित दस्तावेज संलग्न करें।
जिलाधिकारी से संपर्क करें: जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन देकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं और सहायता की मांग करें।
अन्य पीड़ितों के साथ समूह बनाएं: अन्य पीड़ितों के साथ मिलकर समूह बनाएं और सामूहिक रूप से कार्रवाई करें, जिससे आपकी आवाज़ अधिक प्रभावी हो सके।
कानूनी सलाह लें: किसी योग्य वकील से परामर्श लें ताकि उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।