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नैनीताल में वोटरों की चोरी का सनसनीखेज मामला, जिला पंचायत चुनाव से पहले मचा सियासी तूफ़ान

कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उन्हें संगठित तरीके से किडनैप करने की कोशिश की गई।

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नैनीताल में वोटरों की चोरी का सनसनीखेज मामला, जिला पंचायत चुनाव से पहले मचा सियासी तूफ़ान

उत्तराखंड के नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले सियासत में भूचाल लाने वाली घटना सामने आई है। कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उन्हें संगठित तरीके से किडनैप करने की कोशिश की गई। यह घटना मंगलवार देर शाम घटित हुई, जब चुनाव में वोटिंग से महज 24 घंटे पहले कांग्रेस समर्थित कुछ सदस्य नैनीताल के एक गेस्ट हाउस में ठहरे थे।

गवाहों के मुताबिक, अचानक कई लग्ज़री गाड़ियों का काफ़िला गेस्ट हाउस के बाहर आकर रुका। वहां से उतरे कुछ लोगों ने सदस्यों को जबरन बाहर निकालने और अज्ञात स्थान पर ले जाने का प्रयास किया। इस दौरान गेस्ट हाउस के बाहर मौजूद पुलिसकर्मी भी नज़र आए, लेकिन वायरल वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि वे छतरी पकड़े खड़े रहे और किसी भी तरह की रोकथाम नहीं की

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस पूरी साजिश के पीछे भाजपा के स्थानीय नेताओं का हाथ है, जो सत्ता के प्रभाव का इस्तेमाल कर चुनाव परिणाम को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” बताते हुए राज्यपाल से हस्तक्षेप और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह खुलेआम जनप्रतिनिधियों को अगवा करने की कोशिश होगी, तो लोकतंत्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों को बेबुनियाद और कांग्रेस की राजनीतिक नौटंकी बताया। पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि कांग्रेस अपनी हार तय मानकर सहानुभूति बटोरने के लिए इस तरह के झूठे आरोप गढ़ रही है। उनका कहना है कि “हम लोकतांत्रिक तरीकों से चुनाव लड़ रहे हैं, किडनैपिंग का आरोप हास्यास्पद है।”

इस घटना के बाद नैनीताल के राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त हलचल है। वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें पुलिस की निष्क्रियता को लेकर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि यदि पुलिस चाहती तो मौके पर मौजूद होकर घटना को रोक सकती थी, लेकिन उन्होंने मूकदर्शक बने रहना चुना।

अब निगाहें चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर हैं कि वे इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। चुनाव से पहले इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गहरे सवाल खड़े करती हैं।

रिपोर्ट: एलिक सिंह — संपादक, समृद्ध भारत समाचार / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📌 उत्तर प्रदेश महासचिवभारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 +91 82175 54083

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