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उत्तर प्रदेशकुशीनगर

नगर पालिका परिषद कुशीनगर पर भ्रष्टाचार का आरोप! बिना ई-टेंडर खरीदी 70 सोलर लाइटें, ADM ने दिए जांच के आदेश

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कुशीनगर। नगर पालिका परिषद कुशीनगर एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। भाजपा जिला संयोजक (सोशल मीडिया) पं० शुभम दीक्षित ने अपर जिलाधिकारी कुशीनगर को एक शिकायती पत्र भेजकर परिषद पर गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

शिकायत का आरोप

शिकायत पत्र के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जब पूरे जिले में आचार संहिता लागू थी, उसी दौरान नगर पालिका परिषद कुशीनगर द्वारा 70 पीस सोलर लाइटें खरीदी गईं।

आरोप है कि इन लाइटों की खरीद नियमों को ताक पर रखकर की गई। खरीद प्रक्रिया में ई-टेंडर पोर्टल पर निविदा प्रकाशित नहीं की गई, बल्कि केवल समाचार पत्रों में टेंडर प्रकाशित कर खानापूर्ति कर ली गई और आपूर्ति भी करा ली गई।

पूर्व अधिकारी पर भी उंगली

पं० शुभम दीक्षित ने अपने पत्र में यह भी कहा कि परिषद के पूर्व अधिशासी अधिकारी शैलेन्द्र कुमार मिश्र के कार्यकाल में भी इसी तरह चुनाव आचार संहिता की अनदेखी करते हुए टेंडर किए गए थे।

इससे साफ है कि नगर पालिका परिषद में अनियमित खरीद की यह कोई नई परंपरा नहीं, बल्कि पहले से चली आ रही प्रक्रिया है।

अपर जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान

मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर जिलाधिकारी (वि/रा0) कुशीनगर ने तुरंत उप जिलाधिकारी कसया को जांच सौंप दी है। आदेश में कहा गया है कि शिकायत पत्र में उल्लिखित सभी बिंदुओं की गहराई से जांच कर सात दिन के अंदर स्पष्ट जांच आख्या प्रस्तुत की जाए।

दोषियों पर गिरेगी गाज

ADM कुशीनगर के पत्र में साफ कहा गया है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे परिषद के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।

जनता में आक्रोश

इधर नगर में चर्चा है कि जब चुनाव आचार संहिता जैसी संवेदनशील अवधि में खुलेआम नियमों की अनदेखी कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया, तो आम दिनों में पारदर्शिता पर कितना जोर दिया जाता होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका परिषद की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की कमी लंबे समय से देखने को मिल रही है। अब यह मामला खुलकर सामने आया है तो जांच का नतीजा जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है, यह आने वाला वक्त बताएगा।

कुल मिलाकर, यह प्रकरण नगर पालिका परिषद कुशीनगर की साख पर गहरे सवाल खड़े करता है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट और प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।

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