
01 अगस्त 2024 से वाहन चालको के लिए फास्टैग से जुड़े नये नियम लागू होगे। अब नये वाहन लेने पर 90 दिन के अंदर फास्टैग नंबर पर अपना वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना होगा। निर्धारित समय सीमा मे नंबर अपडेट नही करने पर उसे हाॅट लिस्ट मे डाल दिया जायेगा। उसके बाद तीस दिन का अलग से समय मिलेगा। उसके बाद भी वाहन नंबर अपडेट नही करने पर फास्टैग ब्लैक लिस्ट मे कर दिया जायेगा। इसमे राहत यह है कि फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियों को 31 अक्टूबर तक पांच तथा तीन साल पुराने सभी फास्टैग की केवाईसी करानी होगी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम(एनपीसीआई) ने जून मे फास्टैग को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये थे। अब कंपनियों के पास सभी शर्तो को पूरा करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय है। फास्टैग प्रदाता कंपनियों की ओर से भी गाइडलाइन जारी किये गये है। ऐसे मे जो नया वाहन लेगे या जिनका फास्टैग पुराना है उनके लिए परेशानी हो सकती है। कंपनियों को पांच वर्ष से पुराने फास्टैग को बदलना होगा। तीन वर्ष पुराने फास्टैग की केवाईसी करनी होगी। फास्टैग से वाहन पंजीकरण नंबर, चेसीस नंबर जुड़ा होना चाहिए। नया वाहन लेने पर 90 दिन के अंदर उसका नंबर अपडेट करना होगा। फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियो द्वारा वाहन डाटाबेस को सत्यापित किया जाना चाहिए। केवाईसी के समय वाहन के सामने तथा बगल की फोटो अपलोड करना होगा। फास्टैग मोबाईल नंबर से लिंक होना अनिवार्य रहेगा। केवाईसी सत्यापन के लिए एप्प व्हाटसएप व पोर्टल उपलब्ध करानी होगी। कंपनियो को 31 अक्टूबर तक केवाईसी पूरा करना होगा। फास्टैग सर्विस पर स्टेट बैंक का शुल्क 25रूपय प्रति एक । फास्टैग बंद करना 100रूपय। टैग मैनेजमेट 25रूपय/तिमाही। निगेटिव बैलेंस 25रूपय/तिमाही सर्विस पर बैंक शुल्क ले सकते है। फास्टैग पर तीन महिने के अंदर लेनदेन करना जरूरी है। लेनदेन नही होता है तो वह निष्क्रिय हो जायेगा। यह नियम उन लोगो को परेशानी मे डाल सकता है जो अपने वाहन का इस्तेमाल सीमित दूरी के लिए करते है।