

भिलाई। छत्तीसगढ़ सर्व समाज संगठन महिला प्रकोष्ठ के द्वारा परमेश्वरी भवन प्रगति नगर रिसाली में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के पश्चात आयोजित सामाजिक समरसता कायम करने में महिलाओं का योगदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। संगोष्ठी में आधार वक्तव्य देते हुए महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश संयोजिका सुमन देवांगन ने कहा कि सामाजिक समरसता कायम करने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। मातृशक्ति ही परिवार एवं समाज में संस्कार एवं सामाजिक समरसता के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा समाज की महान अग्रणी महिलाएं सावित्री बाई फुले, मीराबाई, भगिनी निवेदिता, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू, मिनी माता, सहोदरा माता, राजमाता जीजाबाई, माता कर्मा, माता हरिणी आदि ने अपने समय काल में सामाजिक जन-जागरण एवं समरसता हेतु उल्लेखनीय कार्य किया है, जो आज हमारे पथ-प्रदर्शक हैं। हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग, संप्रदाय का महत्व है। जब समाज के सभी वर्ग के लोग भेदभाव और आपसी वैमनस्य भुलाकर आपस में मिलकर कार्य करेंगे, तभी सामाजिक समरसता आएगी, सबकी उन्नति एवं विकास होगा। इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए अनिता वर्मा, पुष्पा यादव, कुमुद ताम्रकार, भूमिका देवांगन, उमा साहू, महेश्वरी देवांगन, माया साहू, संध्या साहू, कल्याणी देवांगन, राजकुमारी साहू ने भी सामाजिक समरसता कायम करने में महिलाओं की भूमिका प्रतिपादित की।

इसके पूर्व आयोजित महिला प्रकोष्ठ की बैठक में सभी ने संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु शीघ्र ही महिला प्रकोष्ठ का विस्तार करते हुए प्रदेश, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी गठित करने तथा महिलाओं के लिए तीज मिलन जैसे अन्य आयोजन समयानुसार करने का निर्णय लिया। आभार प्रदर्शन भूमिका देवांगन ने कि
या।