उप्र बस्ती जिले के दुबौलिया थानाक्षेत्र के गौरा-सैफाबाद तटबंध पर बने सरयू नदी की ठोकर के पास गुरुवार को बोरे में युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव की शिनाख्त अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के आरोपी रहे लक्ष्मण सेना अध्यक्ष के रमेश सिंह के बेटे शक्ति सिंह के रूप में हुई। शक्ति के छोटे भाई ने गांव के ही एक राजनीतिक परिवार पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
गौरा तिवारीपुर गांव के सामने बनी ठोकर के पास गुरुवार सुबह लोगों की नजर खून के धब्बों पर पड़ी। नदी किनारे करीब दस मीटर दूर पानी में एक साथ बंधे दो बोरों में कुछ दिखाई दिया। शव होने की आशंका में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने बोरा खुलवाया तो उसमें युवक का शव मिला। सिर से कमर तक शव प्लास्टिक के बोरे में था, जबकि पैर से बाकी हिस्सा जूट के बोरे में बंधा हुआ था। सिर पर गम्भीर चोट के निशान मिले हैं। पुलिस के मुताबिक शव पुराना लग रहा है।
ऐसे में माना जा रहा है कि बुधवार को ही शक्ति सिंह (32) निवासी रानीपुर बेलाड़ी, थाना नगर की हत्या कर शव दुबौलिया थानाक्षेत्र में ठिकाने लगाया गया। पुलिस का कहना है कि परिजनों ने कुछ लोगों पर हत्या में शामिल होने की आशंका जताई है। छानबीन कर उचित कार्रवाई होगी। मृतक के छोटे भाई विक्रम प्रताप सिंह ने गुरुवार को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
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तहरीर में विक्रम प्रताप सिंह ने बताया है कि गांव के ही एक राजनीतिक व्यक्ति के परिवार से काफी दिनों से दुश्मनी चल रही थी। आरोप है कि 24 सितंबर की शाम छह बजे गांव के ही ऋषिकेश सिंह के दाह-संस्कार में उनके बड़े भाई शक्ति सिंह गांव के कुछ लोगों के साथ गए थे। दाह-संस्कार शहर कोतवाली के मूड़घाट पर हो रहा था। वह भी वहां गए थे। आते समय उन्होंने भाई शक्ति से कहा कि घर चलो, तो वह बोला कि जिसके साथ आए थे, उनके साथ ही जाएंगे। उसी दिन के बाद से शक्ति सिंह का कुछ पता नहीं चल रहा है। शक्ति के माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी है। छोटे बेटे विक्रम सिंह ने बताया कि पूर्व में उसे दो दिनों तक कुछ लोगों ने उठा लिया था। मारपीट के बाद पुलिस को सौंप दिया था और पुलिस ने शक्ति का ही चालान कर दिया था।