
*ग्राम पंचायत सिकंदरपुर में मनरेगा भ्रष्ट्राचार ब्लाक प्रशासन बना अनजान*
– मनरेगा एक्ट के धज्जियां उड़ाने में प्रधान एवं सचिव नहीं छोड़ रहे हैं कोई कोर कसर
– प्रधान एवं सचिव की मिली भगत से हो रहा है प्रयोग
सरकार की मंशा के विपरीत प्रधान एवं सचिव कर रहे हैं कार्य
*कुदरहा बस्ती*: जहां एक तरफ प्रदेश सरकार जॉब कार्ड धारकों को रोजगार देने का निर्देश दिया है वहीं दूसरी तरफ मनरेगा का बुरा हाल है। लाख दिशा निर्देश के बाद भी मनरेगा का कार्य नहीं करवाया जा रहा है। सब कुछ जानने समझने के बाद भी संबंधित जिम्मेदार मौन है,वहीं भुगतान भी मजदूरों को दिखाकर करवा लिया जा रहा है।कुदरहा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिकंदरपुर गांव में गौशाला के पास चारागाह का समतालिकरण और खाई खुदाई कर बंधा निर्माण द्वारा काम कराए जाने की बात ग्रामीणों ने बताई। यह मनरेगा मजदूरों द्वारा कराया जाना है लेकिन ग्राम प्रधान एवं सचिव के मिली भगत से मनरेगा मजदूर के बजाय मशीनरी यंत्र से कार्य चल रहा है।जबकि शासन प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि मिट्टी का कार्य मजदूरों से ही कराया जाए ग्राम पंचायत सिकंदरपुर में चल रहा मनरेगा कार्य गौशाला के पास चारागाह का समतालिकरण और खाई खुदाई कर बंधा निर्माण मजदूरों की संख्या 111की हाजिरी लगाई जा रही है जबकि धरातल पर मजदूरों की संख्या शुन्य है सूत्रों की माने तो प्रतिदिन होने वाले भ्रष्टाचार में सेक्रेटरी , ग्राम प्रधान , रोजगार सेवक , तकनीकी सहायक शिकायत एवं साक्ष्य होने के बजाय मनरेगा भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है ।
बड़ा सवाल यह है कि अपने ही ब्लॉक के ग्राम पंचायतों के कार्यों की ना जानकारी रखने वाले B D O कुदरहा को द्वारा जानकारी देने के बाद संबंधित कार्य में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी या फिर मामले को ठंडा बस्ते में डाल दिया जाएगा।