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योगी सरकार के एमडीए अभियान में 90 फीसदी ने खाई दवा, रिफ्यूजल कनवर्जन भी 93 प्रतिशत रहा*  

योगी सरकार के एमडीए अभियान में 90 फीसदी ने खाई दवा, रिफ्यूजल कनवर्जन भी 93 प्रतिशत रहा*

 बाराबंकी प्रथम, बरेली दूसरे, जालौन तीसरे और लखनऊ चौथे स्थान पर रहा*

– जौनपुर का प्रदर्शन 80 प्रतिशत से कम रहा*

*लखनऊ,

वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज।

योगी सरकार के नेतृत्व में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चला मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान 90 प्रतिशत लोगों को दवा खिलाकर खत्म हो गया। इस अभियान की बड़ी सफलता यह रही कि 93 प्रतिशत रिफ्यूजल (इनकार करने वाले) केसों को भी समझा लिया गया और उन्हें भी दवा खिलाने में सफलता प्राप्त की गई.

*98 हजार से ज्यादा लोगों ने खाई दवा*

राज्य कार्यक्रम अधिकारी- फाइलेरिया डॉ. एके चौधरी ने बताया कि प्रदेश के 14 जिलों के 45 ब्लाक में एमडीए अभियान 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलाया गया. कई जिलों में रिफ्यूजल केसों व जिले से बाहर गए लोगों को दवा खिलाने के लिए बाद में मापअप राउंड चलाया गया. लक्ष्य 1.10 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का था, जिसके सापेक्ष 98,95,981 लोगों को दवा खिलाई गई. जौनपुर छोड़कर किसी भी जिले में दवा सेवन का प्रतिशत 80 से कम नहीं रहा। उन्होंने बताया कि फाइनल रैंकिंग में बाराबंकी प्रथम, बरेली दूसरे, जालौन तीसरे और लखनऊ चौथे स्थान पर रहा.

*92.7 प्रतिशत इनकार करने वालों ने खाई दवा*

डॉ. चौधरी ने बताया कि इस बार दवा खाने से मना करने वालें लोगों को दवा खिलाने में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. दवा खाने से मना करने वाले 1.58 लाख लोगों में से 92.7 प्रतिशत लोगों को समझा-बुझाकर दवा खाने के लिए तैयार किया गया और फाइलेरियारोधी दवा खिलाई गई। उन्होंने बताया कि दवा न खाने वालों में एक वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गंभीर रूप से बीमार मरीज व जिले से बाहर गए लोग ही छूट गए हैं. रिफ्यूजल कनवर्जन में रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) भी मददगार साबित हुआ. पीएसपी में शामिल फाइलेरिया मरीजों और अन्य सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई.

*अंतरविभागीय समन्यव का भी दिखा असर*

इस बार के एमडीए अभियान में अंतरविभागीय समन्वय का भी असर दिखाई दिया. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बाकायदा जनप्रतिनिधियों व शिक्षा व पंचायतीराज विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर सहयोग की अपेक्षा की थी. उसका नतीजा यह हुआ कि अभियान के दौरान जनप्रतिनिधियों, प्रधानों, कोटेदारों और उपखंड विकास अधिकारियों ने भरपूर सहयोग किया. इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से जनप्रसार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई गई.

फाइलेरिया के लक्षण

– बुखार के दौरे, दर्द तथा प्रभावित शरीर के हिस्से में सूजन.

– अंगों, जननांगों या स्तनों में सूजन.

– व्यक्ति को प्रभावित क्षेत्र में असुविधा या दर्द का अनुभव…

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