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फूलन देवी की कहानी से समझिए, वामपंथियों ने राजपूतों को कैसे बदनाम किया।

पत्रकार ब्यूरो चीफ प्रैस रिपोर्टर राजीव सिकरवार वन्दे भारत लाइफ टीवी न्यूज चैनल आगरा उत्तर प्रदेश

होली पर्व की रंगभरी शुभकामनाओं के साथ पढ़िए ये लेख

*फूलन देवी की कहानी से समझिए, वामपंथियों ने राजपूतों को कैसे बदनाम किया?*

गांव के ठाकुरों ने ही ये सोचकर कभी फूलन देवी की जमानत करवाई थी  कि गांव की लड़की जेल में बंद हो तो यह गांव के लिए शर्मनाक बात है एक दिन इसकी गांव में विक्रम मल्लाह नामक एक डकैत ने धावा बोला और उसने फूलन देवी के साथ बलात्कार किया और विक्रम मल्लाह 4 दिन तक गांव में रुका छुपा रहा और जाते हुए वह फूलन देवी को भी अपने साथ बीहड़ में लेकर चला गया।

विक्रम मल्लाह डकैतों की गैंग का सरदार नहीं था बल्कि सरदार बाबू गुर्जर था।  एक  दिन बाबू गुर्जर ने फूलन देवी का बलात्कार किया जिससे गुस्से में विक्रम मल्लाह ने बाबू गुर्जर की हत्या कर दी और पूरी गैंग की कमान अपने हाथ में ले ली

फूलन देवी विक्रम मल्लाह की रखैल बन गई उसके बाद फूलन देवी विक्रम मल्लाह के साथ अपने पति के गांव गई और अपने पति को और अपने पति के दूसरी पत्नी को मरणासन्न हालत तक पीटा और बीच-बचाव करने आए दो लोगों को गोली मार दी

डकैतों के एक दूसरे गैंग का मुखिया दादा  ठाकुर जो मीणा/मैना था  वह बाबू गुर्जर की हत्या से विक्रम मल्लाह से नाराज था और इसीलिए दादा ठाकुर ने विक्रम मल्लाह की हत्या कर दी

विक्रम मल्लाह की हत्या से नाराज होकर फूलन देवी ने मीणा जाति के गैंग के सदस्य ठाकुर लालाराम मीणा को मार दिया

इससे दादा ठाकुर ने एक गांव में घुसकर मल्लाह जाति के 25 लोगों को मार दिया

फूलन देवी को शक था गांव के क्षत्रिय यानी ठाकुर समाज के लोग दादा ठाकुर मीणा  के प्रति सहानुभूति रखते हैं और उसे संरक्षण देते हैं तब उसने बेहमई  गांव में 22 ठाकुरों को गोलियों से भून डाला और एक 6 महीने की बच्ची को उठाकर आसमान में फेंक दिया जिससे वह बच्ची जमीन पर गिरी और उसकी गर्दन की हड्डी और रीढ़ की हड्डी टूट गई वह बच्ची आज भी जिंदा है लेकिन न चल सकती है ना बैठ सकती है वह बच्ची आज एक जिंदा लाश बन कर एक युवती बन चुकी है

ये सारे फैक्ट है

लेकिन मीडिया ने फूलन देवी को यह कहकर हीरोइन बना दिया कि उच्च जातियों के अत्याचारों से तंग आकर फूलन देवी ने बदला लिया

अब आप खुद विचार करिए कि फूलन देवी पर अत्याचार करने वाले कौन लोग थे ?

क्या फूलन देवी का पिता दोषी नहीं है जिसने फूलन देवी को 45 साल के बूढ़े को बेच दिया?

क्या फूलन देवी का चाचा दोषी नहीं है जिसने फूलन देवी के जमीन पर कब्जा किया?

क्या फूलन देवी के सगे भाई दोषी नहीं है जो उसे बार-बार उसके अत्याचारी पति के पास छोड़ आते थे?

क्या फूलन देवी का पति दोषी नहीं है जो उसके ऊपर अत्याचार करता था ?

क्या फूलन देवी का बलात्कार किसी ठाकुर ने किया था बिल्कुल नही लेकिन इसके बाद भी पूरे प्रकरण में राजपूत / ठाकुरों को जमकर बदनाम किया गया जबकि किसी राजपूत ने फूलन देवी का कुछ भी नहीं बिगड़ा था , राजपूत तो पूरे मामले में पीड़ित थे लेकिन उनको अत्याचारी की तरह से पेश किया गया

ये पूरी घटना शेयर करने का मकसद सिर्फ इतना है कि देश इस बात को जाने की किस तरह से बॉलीवुड के जावेद अख्तर जैसे स्क्रिप्ट राइटर ने और वामपंथी जिहादी लोगों ने राजपूतों को न सिर्फ बहुत सुनियोजित तरीके से पहले बदनाम किया था बल्कि आज भी बदनाम कर रहे हैं और जानकर बहुत दुख होता है कि बहुत सारे राजपूत इस प्रोपेगेंडा का शिकार हो चुके हैं और अपने महान पूर्वजों को गाली देते रहते हैं जो नहीं होना चाहिए।

पत्रकार ब्यूरो चीफ प्रैस रिपोर्टर राजीव सिकरवार वन्दे भारत लाइफ टीवी न्यूज चैनल आगरा उत्तर प्रदेश

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