
सीएम योगी -विकसित भारत युवा संसद कार्यक्रम.
आप सभी का देश की सबसे बडी विधायिका में स्वागत अभिनंदन.
पीएम की प्रेरणादायक निर्देशन में युवा संसद के नए संकल्प को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है.
My Bharat अभियान पर पिछले 2 वर्षो से कार्य चल रहा था, आप देश की सबसे बड़ी विधायिका में आये हैं आपको इसपर गर्व होना चाहिए.
भारत ने लोकतंत्र के जिस विधा को अपनाया उसमें 3 विधा है संसद (विधायिका), कार्यपालिका, न्यायपालिका..
विधायिका में नीति निर्माण होता है, अलग अलग क्षेत्र से चुने जनप्रतिनिधि यहां अपने विचार रखते है, वो यहां अलग अलग नियम अनुसार अपनी बात रखता है…
यहां जो नीति कानून बनते हैं, वही सरकार के पास जाता है, और कार्यपालिका उसे इम्प्लीमेंट करता है, नियम विरुद्ध यदि कोई कार्य हुआ तो उसके लिए न्यायपालिका भी होता है.
अपराध हुआ तो न्यायपालिका उस अपराधी को सज़ा देती है, इसके लिए थाने से लेकर प्रशासनिक तंत्र की व्यवस्था है, लेकिन इसके बावजूद जनता को लगता है कि ठीक से सुनवाई नहीं हुई तो वह न्यायपालिका में जाता है,विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका तीनो एक दूसरे के पूरक है…
जब तीनो मिलकर कार्य करते है तो सुशासन का लक्ष्य पूरा होता है…
युवा सिर्फ नेता बनकर ही समाज सेवा करे ऐसा नही,कार्यपालिका का हिस्सा बनकर और न्यायपालिका का हिस्सा बनकर भी आप सेवा दे सकते है..
जब हम लकीर के फकीर बनते है और अपने कार्य से मुंह चुराते है तो वही हमारे पराभव का कारण बनता है, जब हम लीक से हटकर कार्य करते हैं तो वही कार्य प्रेरणादायक होता है.
देश की व्यवस्था का संचालन संविधान से होता है, भारत के संविधान का ड्राफ्ट बाबा साहेब ने संविधान सभा को सौंपा था, भारत के पीएम मोदी ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया.
भारत का संविधान देश के 140 करोड़ देशवासियों को मताधिकार का अधिकार देता है.
एक नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य होता है,एक समय नारा चला था हमारी मांगे पूरी करो चाहे जो मजबूरी हो, इसके बाद कई राज्य कंगाल हो गए,भारत का संविधान अगर हमको अधिकार देता है, तो हमको हमारे मूल कर्तव्य के रूप को भी याद दिलाता है…