धान के कटोरे में खाद की भरपूर व्यवस्था, किसानों को नहीं होगी कोई दिक्कत
चन्दौली चंदौली जिले में धान की रोपाई के पीक सीजन में किसानों को खाद को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए चंदौली जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने कमर कस ली है। जिले में वर्तमान समय में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी और एसएसपी सहित सभी प्रमुख उर्वरकों की भरपूर उपलब्धता है। साथ ही इनकी आपूर्ति को लेकर निगरानी की सख्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।भरपूर मात्रा में है उर्वरकों का भंडार
वर्तमान समय में चंदौली जिले में 17818 मीट्रिक टन यूरिया, 3468 मीट्रिक टन डीएपी, 811 मीट्रिक टन एमओपी, 2358 मीट्रिक टन एनपीके और 11704 मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है। इसके अलावा इफको की एक रैक के माध्यम से 850 मीट्रिक टन डीएपी और 500 मीट्रिक टन एनपीके भी जिले को प्राप्त हो चुका है।सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही आपूर्ति
प्राप्त उर्वरकों को प्राथमिकता के आधार पर साधन सहकारी समितियों पर भेजा जा रहा है ताकि किसानों को समय से खाद उपलब्ध हो सके। साथ ही निजी प्रतिष्ठानों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे तयशुदा दर पर ही उर्वरकों का वितरण करें।विक्रेताओं के लिए सख्त निर्देश
जिला कृषि विभाग ने निर्देश जारी किया है कि 5 बोरी से अधिक खाद खरीदने पर किसानों से उनकी खतौनी और फसल की संस्तुति ली जाए और वितरण की एंट्री रजिस्टर में की जाए। उर्वरक विक्रेताओं को रेट बोर्ड, स्टॉक विवरण अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं।पीओएस मशीन से रसीद लेना अनिवार्य
किसानों से अपील की गई है कि उर्वरक खरीदने पर पीओएस मशीन से जारी रसीद और कैश मेमो अवश्य लें, ताकि कोई भी फर्जीवाड़ा न हो सके।
हर क्षेत्र में अधिकारी तैनात, होगी सख्त निगरानी
हर क्षेत्र में उर्वरक वितरण की निगरानी के लिएजिला स्तरीय अधिकारियों, कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी प्रेक्षक के रूप में लगाई गई है। इनकी जिम्मेदारी है कि उर्वरकों का वितरण जोत बही के अनुसार ही हो और किसानों को उचित रसीद दी जाए।
कालाबाजारी या टैगिंग पर होगी कठोर कार्यवाही
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विक्रेता द्वारा उर्वरकों की कालाबाजारीइस संबंध में जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने खरीफ सीजन में धान रोपाई को लेकर किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। जिले में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है। इफको की एक रैक डीएपी और एनपीके जिले को प्राप्त हो गई है। इसे साधन सहकारी समितियों पर मुहैया कराया जा रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में उर्वरकों के वितरण पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी प्रेक्षक के रूप में लगायी गयी है। सहकारी संस्थाओं एवं निजी प्रतिष्ठानों को निर्धारित दरपर किसानों को उर्वरक वितरण करने का निर्देश भी दिया गया है। किसान आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरक क्रय करें। अधिक उर्वरकों का क्रय एवं प्रयोग से लागत में वृद्धि होगी