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*जन विश्वास विधेयक कोर्ट-कचहरी से मुक्ति, जुर्माना लगाकर केस होंगे खत्म*

*जन विश्वास विधेयक कोर्ट-कचहरी से मुक्ति, जुर्माना लगाकर केस होंगे खत्म*

प्रेस विज्ञप्ति
भोपाल, मध्यप्रदेश

*जन विश्वास विधेयक कोर्ट-कचहरी से मुक्ति, जुर्माना लगाकर केस होंगे खत्म*

भोपाल। मध्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने, व्यापार-व्यावसाय में आसानी और भयमुक्त वातावरण देने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने जन विश्वास संशोधन विधेयक के माध्यम से 12 विभागों के 20 अधिनियमों में संशोधन कर दिया। अब छोटे-मोटे मामलों में कोर्ट-कचहरी के स्थान पर अर्थदंड लगाकर मामला निपटा दिया जाएगा। विधानसभा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप द्वारा प्रस्तुत जन विश्वास विधेयक बुधवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलते ही इसके प्रविधान अधिसूचित कर लागू कर दिए जाएंगे।

*कपास अधिनियम भी ऐसा है-:*

विधानसभा में शासकीय कार्य पूरा होने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने जन विश्वास उपबंधों का विधेयक 2024 पारित कर कानून बनाया था। प्रदेश सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने बताया कि कई प्रविधान अप्रसांगिक हो चुकी हैं। कपास अधिनियम भी ऐसा ही है। अब गैरोलीच कपास का उत्पादन में ही नहीं रहा है। किसी समय में यह एक आवश्यकता थी पर आज नहीं। कई जगह पर मकान में छोटे-बड़े परिवर्तन भी होते हैं और वह मामला कोर्ट में जाता है, तो मालिक को बड़ी परेशानी होती है। जो कोर्ट के मामले है वह कम हो और आर्थिक दंड के माध्यम से व्यक्ति को सचेत भी किया जाए।

मध्य प्रदेश में आज औद्योगिक वातावरण बना है, उद्योगपतियों का आकर्षण बढ़ा है तो इसमें कहीं न कहीं ईज आफ डूईंग बिजनेस की भी बड़ी भूमिका है। यह बिल केवल उद्योग के लिए नहीं बल्कि व्यापार सहित अन्य सेवाओ के लिए भी है। सेवाएं देते समय तनावमुक्त माहौल बने, कानून का डर भी रहे। कई बार मानवीय भूल होती है, तो इन्हें सुधारने उस पर अर्थदंड लगाकर समाज व्यवस्था को चलाना भी शासन का काम है।

*अधिकारियों को खुली छूट और अदालतों को कमजोर करने का बिल-:*

कांग्रेस ने इस संशोधन विधेयक का विरोध किया।

छिंदवाड़ा जिले की परासिया सीट से विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने इसे अधिकारियों को खुली छूट और अदालतों को कमजोर करने का बिल बताया। उन्होंने कहा कि गौण अपराधों को अपराधमुक्त किया जा रहा है। इसमें पैसे वाले जो लोग हैं, उनको लाभ होगा क्योंकि अब गौण अपराध में केवल जुर्माना देना होगा। अभी तक बिना पंजीकरण के इलाज करने पर तीन वर्ष तक की सजा होती थी, मगर अब एक लाख रुपये जुर्माना ही लगेगा। कुल मिलाकर अदालतों की शक्ति को कमजोर किया जा रहा है। इससे अधिकारियों को खुली छूट मिल जाएगी। मंडी लाइसेंस का उल्लंघन करने पर न्यायालयीन कार्रवाई होती थी लेकिन अब मंडी सचिव पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ देगा।

*पांच हजार रुपये जुर्माना-:*

नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होता था पर अब आयुक्त पांच हजार रुपये जुर्माना लगाकर केस खत्म कर देगा। यही स्थिति अन्य प्रविधानों में भी है। कुल मिलाकर यह ईज आफ डूइंग नहीं बल्कि ईज आफ ब्रेकिंग ला बिल है।

*इन अधिनियमों को किया समाप्त-:*

कपास सांख्यिकी अधिनियम 1947, मध्य प्रदेश कपास नियंत्रण अधिनियम 1958, मध्य भारत कृषि उपज तौल विनियमन अधिनियम 1956 और मध्य प्रदेश चेचक टीका अधिनियम 1968 दरअसल, चेचक महामारी से अब नहीं रही है। टीकाकरण को लेकर नए प्रविधान लागू हो चुके हैं। तौल और कृषि विपणन की नई व्यवस्था लागू हो चुकी है।

*प्रमुख प्रविधान-:*

बिना अनुमति नर्सिंग होम चलाने, सुरक्षा जोखिम आदि पर जुर्माना।

गोदाम में बिना अनुमति पांच हजार टन से अधिक सामग्री भंडारित करके रखने पर एक लाख रुपये तक जुर्माना और इससे अधिक मात्रा होने पर तीन लाख रुपये।

लाइसेंस का नवीनीकरण का आवेदन न करने पर पांच से लेकर दस हजार रुपये तक जुर्माना।

नर्स, प्रसविका, सहायिक नर्स-प्रसविका, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के रूप में नियमित रूप से या व्यक्तिगत लाभ के लिए व्यवसाय नहीं करेगा। इसका उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया जाएगा।

नर्सिंग होम का उपयोग असामाजिक या अनैतिक कार्यों के लिए करने या करने देने पर एक लाख रुपये जुर्माना।

बिना पंजीयन मेडिकल प्रैक्टिस पर जुर्माना।

झूठे पंजीयन एवं डिग्री पर जुर्माना।

आरटीई मानने से मना करने पर जुर्माने के स्थान पर शास्ती।

जनपद पंचायत क्षेत्र की सड़क या भूमि पर अतिक्रमण पर पांच हजार रुपये, पंचायत के सदस्य को बाधा पहुंचाने पर दो हजार, जानकारी न देने या झूठी जानकारी देने पर एक हजार

फलपौधा रोपणी अधिनियम में अंतर्गत अधिकार प्रयोग करने वाले अधिकारी को बाधा पहुंचाने पर पांच हजार रुपये तक जुर्माना।

RNI:- MPBIL/25/A1465
Devashish Tokekar
Vande bharat live tv news,nagpur
Editor
Indian Council of press,Nagpur
Journalist
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