
आज के समय में सरकारी स्कूलों की स्थिति बस से बख्तर हो गई है तथा गुरुजी और शिक्षकों के वेतन में महंगाई भट्टी तथा मूल वेतन मिलकर हजारों की संख्या में प्रतिमा उन्हें वेतन दिया जा रहा है तथा स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है आपको बताते चले आज की स्थिति में शासकीय टीचरों को अनुमानित 60 से 70 हजार से शुरुआत प्रतिमा वेतन सरकार उन्हें दे रही है इस आवाज में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है कई कई जिले एवं ब्लॉकों में ऐसे सरकारी स्कूल है जो की नाम मात्र संचालित किया जा रहे हैं कागज पूर्ति की जा रही है जिससे विभाग के उच्च अधिकारी एवं सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है जिले में सरकारी प्राथमिक स्कूलों में दर्ज संख्या बढ़ाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया ।
जन चेतना एवं का ए संगठित व्यक्तियों ने ज्ञापन शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसका कुछ निराकरण नहीं हो सकता कई ऐसे स्कूल है जहां दर्ज संख्या बहुत ही काम है 104 सरकारी स्कूल छिंदवाड़ा जिले में है जहां बच्चों की संख्या 10 से कम है फिर भी सरकारी टीचरों की पोस्टिंग की जा रही है पूरे जिले में आंकड़ा निकालकर एक सर्वे के अनुसार तथा सरकारी एजेंसी के माध्यम से जारी किया गया है जिसमें की 100 से ऊपर स्कूलों में आंकड़ा बहुत ही काम है जहां विद्यार्थी का एडमिशन नहीं हुआ है इन स्कूलों की दर्ज संख्या कम होने के बावजूद शिक्षकों की पोस्टिंग का गोरख धंधा चारी राम भरोसे पढ़ाई की जा रही है जिसमें की शासकीय टीचर समय पर एवं निरंतर स्कूल में नहीं आते शैक्षणिक व्यवस्था में लगातार इसका दुरुपयोग किया जा रहा है जिला शिक्षण केंद्र के डीसी ने बताया है कि
जहां पर दर्द संख्या कम है उसे बढ़ाने के लिए शिक्षकों को आदेश दिए गए हैं एवं सरकारी स्कूलों में हालत खराब होने का मुख्य कारण प्राइवेट स्कूलों की लोकप्रियता को माना गया है गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर है क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति बहुत ही खराब है ।