
धनबाद : झारखंड की राजनीति को झकझोर देने वाले बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी नामजद 11 आरोपियों को बरी कर दिया। आरोपियों में झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह भी शामिल हैं, जो अदालत में एम्बुलेंस से पेश हुए।
सुझाए गए समाचार
अदालत ने साफ कहा कि अभियोजन पक्ष, आरोप साबित करने में असफल रहा। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि साक्ष्य की अपर्याप्तता के कारण आरोपियों को दोषमुक्त किया जा रहा है।
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क्या है नीरज सिंह हत्याकांड?
दिन था 21 मार्च 2017, समय शाम का। धनबाद के स्टील गेट इलाके में एक चलती SUV पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार की गई। गाड़ी में बैठे तत्कालीन डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
हमले में मारे गये अन्य लोगों में नीरज सिंह के निजी सचिव अशोक यादव, चालक चंद्र प्रकाश महतो उर्फ घोल्टू और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी शामिल थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, नीरज सिंह के शरीर पर 56 गोलियों के निशान पाए गए थे — यह हत्या नहीं, एक सुनियोजित नरसंहार जैसा प्रतीत होता है।
क्यों था यह मामला इतना संवेदनशील?
नीरज सिंह न केवल कांग्रेस के उभरते नेता थे, बल्कि धनबाद की स्थानीय राजनीति में एक मजबूत जनाधार और लोकप्रिय छवि के प्रतिनिधि भी थे। उनकी हत्या ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया था, बल्कि अपराध, राजनीति और सत्ता के संभावित गठजोड़ पर भी गंभीर सवाल खड़े किए थे।
FIR, चार्जशीट और कोर्ट की प्रक्रिया
हत्या के बाद नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। FIR में पूर्व विधायक संजीव सिंह सहित 9 लोगों को नामज़द आरोपी बनाया गया।
पुलिस ने जांच के बाद 11 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और 6 अन्य के खिलाफ जांच जारी रखी।
चार्जशीट में जिनके नाम शामिल थे
धनबाद, बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के कुल 11 आरोपी
इनमें से 6 आरोपी ज़मानत पर थे
शार्प शूटर अमन सिंह की 2023 में धनबाद जेल में हत्या हो चुकी है
पुलिस जांच में शामिल थे
मोबाइल CDR,
लोकेशन डेटा,
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट,
गवाहों के बयान,
और अन्य वैज्ञानिक सबूत
बावजूद इसके, अदालत ने कहा कि आरोपियों को दोषसिद्ध करने के लिए ये साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं।
अब भी जारी है जांच : ये 6 नाम अभी जांच के घेरे में
जिनके खिलाफ अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है, वे हैं:
गया सिंह
महंत पांडेय
संतोष
मोनू
रिंकु उर्फ विकास उर्फ धर्मेंद्र सिंह
सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष