A2Z सभी खबर सभी जिले कीLok Sabha Chunav 2024अन्य खबरेछत्तीसगढ़ताज़ा खबर

चाहे जाए जितनी भी जानें, नहीं सुधरेंगे हम

काेरबा के ग्रामीण इलाकों में बेधड़क मालवाहक वाहनों मे सवारी ढोया जाता रहा। हैरत तो यह कि ऐसे दृश्य शहरी क्षेत्र में भी देखने को मिला।

कोरबा: माल वाहक वाहनों में सवारी ढोने के अवैध कारोबार पर न तो पुलिस अंकुश लगा पा रही और न ही परिवहन विभाग। ग्रामीण क्षेत्रों में बारात जाना हो या फिर किसी सार्वजनिक सामूहिक कार्यक्रम में विकल्प पिकअप व खुली मालवाहक वाहन ही है। राज्य के कबीरधाम जिले में पिकअप पलटने से 18 आदिवासियों की मौत की घटना के बाद भी काेरबा के ग्रामीण इलाकों में बेधड़क मालवाहक वाहनों मे सवारी ढोया जाता रहा। हैरत तो यह कि ऐसे दृश्य शहरी क्षेत्र में भी देखने को मिला।इन दिनों गांव तेंदूपत्ता संग्रहण का काम चल रहा है। शहर के बैंक आकर पैसा आहरण करने के लिए माल वाहक वाहन भी सवारी ढोते नजर आ रहे हैं। पाली- कटघोरा चौक में मंगलवार को एक के बाद एक कई पिकअप वाहन गुजरे जिसमें सवारी भरे थे। उधर कटघोरा, बांकीमोंगरा आदि मार्गों में भी माल वाहक वाहनों में सवारी ले जाते देखा गया। नियमानुसार माल वाहक वाहनों में यात्रियों का सफर खतरे से खाली नहीं होता। माल वाहक वाहनों में यात्रियों को लाना ले जाना मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है, क्योंकि माल वाहक वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर जनहानि की ज्यादा संभावनाएं रहती है, बावजूद इसके जिले में माल वाहक वाहनों से यात्रा करने की लापरवाही लगातार जारी है। इधर ऐसे वाहन संचालकों पर अब जाकर कार्रवाई शुरू की गई है। तेंदूपत्ता संग्रहण के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में वैवाहिक आयोजन भी जारी है। ऐसे में यदि मुख्यमार्गों के साथ ही ग्रामीण अंचलों के मार्गों का नजारा देखा जाए तो कई ऐसे बाराते सहज ही दिख जाती हैं जो माल वाहक वाहनों में सफर करती हैं। एक माल वाहक वाहन की ट्राली में आधा सैकड़ा लोग ठूस-ठूस कर भरे रहते हैं और ट्राली में खड़े होकर ही सफर करते हैं, जिससे हादसों का खतरा बना रहता है। ये अलग बात है कि इस वर्ष अभी तक जिले ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन जिस तरह से माल वाहक वाहनों में सफर किया जा रहा है उससे हादसों की संभावनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता।यात्री वाहन की जगह माल वाहन बुक करने को लेकर लोगों ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में माल वाहक वाहन सरलता से उपलब्ध हो जाते हैं। इसके साथ ही यात्री वाहनों की अपेक्षा माल वाहक वाहन सस्ते में उपलब्ध हो जाते हैं, यात्री वाहन चाहे वह बस या मिनी बस हो या फिर फोर व्हीलर वाहन इनका किराया वैवाहिक आयोजन के दौरान वाहन मालिकों द्वारा सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब दो गुना कर दिया जाता है, जिससे ऐसे वाहनों की बुकिंग कर पाना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बजट के बाहर हो जाता है, यही वजह है कि माल वाहक वाहनों को ही बारात के लिए बुक कर लेते हैं।ग्रामीण अंचलों में ट्रैक्टर, यूटिलिटी, मिनी ट्रक 407 लगभग हर गांव में उपलब्ध होते हैं, जो नजदीक की बारातों के लिए आसानी से सस्ते दर पर उपलब्ध हो जाते हैं। लेमरू मार्ग में वर्तमान में एक मात्र बस संचालित है। नकिया, चिरईझुं, अरेतरा, माखुरपानी, सरई सिंगार, पोड़ी खोहा जैसे आसपास के गांव के यात्रियों को सामूहिक रूप से किसी आयोजन मे शामिल होना हो तो अक्सर माल वाहक वाहन को बुक करा लेते हैं। इन वाहनों की ट्राली में करीब 40-50 लोग सवार हो जाते हैं।

देर शाम पुलिस ने की जांच कुछ वाहन पकड़ाए

पूरे दिन भले ही माल वाहक वाहनों में सवारियां ढोई जाती रही पर पाली पुलिस देर शाम को सतर्क हुई और पाली शिव मंदिर चौक में डेरा डालकर कार्रवाई शुरू की । इस बीच मंगलवार की शाम को पाली शिव मंदिर चौक में सवारी लेकर जा रहे कुछ मालवाहक वाहनों की धर पकड़ की गई। पुलिस का कहना है कि वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई ताे की जा रही, साथ ही लाइसेंस रद्द करने की भी कार्रवाई की जाएगी

Back to top button
error: Content is protected !!