
खेत खसरा संख्या 91,92 जो न्यायलय के स्थागन आदेश के बावजूद हों रही खडाई जोताई
फलोदी जिले के सांवरीज ग्राम में खसरा संख्या 91,92 कुल रकबा 174 बिघा 2 विस्वा में न्यायालय के स्थागन आदेश की हो रही आहवेलना प्रशासन को शिकायत देने के बाद भी बैठे है मुकदर्शक
बताया जा रहा है कि खेत खसरा संख्या 91,92 में पिछले 25 वर्ष से आपसी खातेदारों में विवाद चल रहा है जो अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है तथा न्यायलय का स्थागन आदेश भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज है उक्त खातेदारों में पुर्व में उक्त जमीन को लेकर खुन खारबा हों चुका है तथा एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी बिरबलराम ने बताया कि अब कोर्ट का स्थागन आदेश होने के बावजूद भी उच्च आधिकारियों को शिकायत कि गई लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा खेत की जोताई वा निर्माण कार्य नहीं रुकावा रहा है तथा एक पक्षीय कार्रवाई कर रहा है बिरबलराम ने बताया कि उक्त खेत में जबरदस्ती खेत की जोताई कर रहे हैं पुलिस प्रशासन वा अधिकारीयों को शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर प्रशासन खुन खारबा का इंतजार कर रहा है बिरबलराम ने कुछ अन्य लोगों के ऊपर भी मारपीट का आरोप लगाया तथा बताया गया कि पुलिस ने भी पक्षपात करते हुए एक पक्ष का मुकदमा दर्ज किया गया तथा हमारे पक्ष का मुकदमा भी दर्ज नहीं किया और उल्टा हमारे आदमी को भी गिरफ्तार कर लियाफलोदी जिले के सांवरीज ग्राम में खसरा संख्या 91,92 कुल रकबा 174 बिघा 2 विस्वा में न्यायालय के स्थागन आदेश की हो रही आहवेलना प्रशासन को शिकायत देने के बाद भी बैठे है मुकदर्शक
किसान बिरबलराम ने सुनाई आपनी पीड़ा
बताया जा रहा है कि खेत खसरा संख्या 91,92 में पिछले 25 वर्ष से आपसी खातेदारों में विवाद चल रहा है जो अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है तथा न्यायलय का स्थागन आदेश भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज है उक्त खातेदारों में पुर्व में उक्त जमीन को लेकर खुन खारबा हों चुका है तथा एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी बिरबलराम ने बताया कि अब कोर्ट का स्थागन आदेश होने के बावजूद भी उच्च आधिकारियों को शिकायत कि गई लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा खेत की जोताई वा निर्माण कार्य नहीं रुकावा रहा है तथा एक पक्षीय कार्रवाई कर रहा है बिरबलराम ने बताया कि उक्त खेत में जबरदस्ती खेत की जोताई कर रहे हैं पुलिस प्रशासन वा अधिकारीयों को शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर प्रशासन खुन खारबा का इंतजार कर रहा है बिरबलराम ने कुछ अन्य लोगों के ऊपर भी मारपीट का आरोप लगाया तथा बताया गया कि पुलिस ने भी पक्षपात करते हुए एक पक्ष का मुकदमा दर्ज किया गया तथा हमारे पक्ष का मुकदमा भी दर्ज नहीं किया और उल्टा हमारे आदमी को भी गिरफ्तार कर लिया