
विश्वस्त सूत्रों की खबर
रेलवे रोड़ पर होटल ईगल के प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद मण्डलायुक्त के यहां अपील के विरुद्ध 27 अप्रैल 2024 को स्थगनादेश खारिज करते हुए फ़ाइल वापिस प्राधिकरण को भेजने के बाद अधिकारियों और बाबू के बीच कहा गायब हुई कहना मुश्किल है, लेकिन इतना अबश्य है कि उक्त प्रकरण में जिंदा मछली निगलने का प्रयास अवश्य हो रहा है, किस किस की भूमिका संदिगध है किसके विरुद्ध कार्यवाही होगी लगता है मण्डलायुक्त ही इस पूरे प्रकरण में फिर से ईगल होटल प्रकरण में जांच के मूड में बताये जा रहे है जबकि इस संदर्भ में कुछ पत्रकार और व्यापारिक संगठन भी मण्डलायुक्त से मिले है अथवा मिलने का मन बना रहे है।
मण्डलायुक्त ने ईगल होटल के विरुद्ध दिए आदेश में फ़ाइल नम्बर सी 202309000001163 होटल की ज़मीन को स्पष्ट रूप से नजूल की भूमि माना।
ईगल होटल प्रकरण में प्राधिकरण के एक अधिकारी, बाबू ओर एक पीए के साथ जूनियर लॉ अफसर की भूमिका को लेकर हड़कम्प, मण्डलायुक्त के पेशकार के नाम पर एक बाबू, एक पीए, एक जूनियर लॉ अधिकारी ने लाखों रुपये लेकर फ़ाइल दबाई:सूत्र
ईगल होटल प्रकरण में प्राधिकरण अधिकारी अनजान, बाबू का बड़ा खेल आया सामने, शासन में भेजने को लेकर होटल का ध्वस्तीकरण रुकवाने ओर राजस्व का नुकसान कराने की साज़िश का भंडाफोड़ होने की संभावना: सूत्र
सहारनपुर: रेलवे रोड स्तिथ ईगल होटल की फ़ाइल संख्या सी
202309000001163 आखिर कहा गयी, प्रधिकरण में अधिकारी सार्थक शर्मा से वार्ता की गई तो जवाब गोल गोल मिला, अंत मे सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली कि फ़ाइल एक बाबू के अधिकार में है और होटल मालिक से सांठगांठ की आशंका है, दरअसल होटल ईगल रेलवे रोड का न नक्शा पास है न ही हो सकता है नजूल भूमि एक्ट खात्मे को लेकर हड़कम्प मचा है, ऐसे में यदि यह फ़ाइल शासन में भेजी जाती है तो यह फ़ाइल खारिज होगी, इसी बात से घबराया होटल मालिक सन्नी अरोड़ा ने खेल खेलकर फ़ाइल को दबवा दिया बताया जाता है, अब ईगल होटल की नजूल भूमि को लेकर कई पेंच फंसे है, जिनमे मुख्यतःनजूल भूमि बैनामे में जिला सत्र न्यायाधीश के न्यायालय से सेक्शन 92 की आधिकारिक परमिशन न लिया जाना, नजूल एक्ट के अंदर हुए बैनामे का अनधिकृत होना, शासन द्वारा नजूल एक्ट समाप्त कर अध्यादेश जारी करना मुख्य कारण है, ऐसे में यदि फ़ाइल शासन में गयी तो उसको लेकर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा केविएट लगाने के कारण निश्चित रूप से फ़ाइल खारिज ही होगी, अंततः प्राधिकरण को नियम विरुद्ध बना यह होटल ईगल ध्वस्त ही करना होगा, लेकिम बाबू ओर पीए के साथ जूनियर लॉ अधिकारी की मिली भगत से फ़ाइल को खुर्द बुर्द भी करने का कुचक्र चलाया जा सकता है। इसको लेकर शासन में मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव आवास, आवास सचिव को पत्र लिख कर सारे प्रकरण से अवगत कराया जा रहा है, ऐसे में प्राधिकरण में कुछ लोगो की मिली भगत के प्रमाण मिलने के बाद कार्यवाही भी अवश्यम्भावी है।
खबर मण्डलायुक्त कार्यालय के व प्राधिकरण के सूत्रों के द्वारा