
स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ते हुए झिरन्या जनपद मुख्यालय
जर्नलिस्ट अक्षय जायसवाल झिरन्या
तस्वीरें बोलती हैं स्वच्छ भारत अभियान या स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की शुरुआत 2 अक्टूबर, 2014 को हुई थी. इस अभियान की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इस अभियान का मकसद था कि खुले में शौच की समस्या को खत्म किया जाए और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार लाया जाए। इस अभियान के तहत, इन कामों को करने का लक्ष्य रखा गया था।
- खुले में शौच की प्रथा को खत्म करना।
- नगरीय ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करना।
- लोगों में स्वच्छता संबंधी आदतों में बदलाव लाना।
- लोगों को स्वच्छता और जन स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना।
- शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता बढ़ाना।
परन्तु बात अगर झिरन्या जनपद की करी जाए तो इस में से कोई भी लक्ष्य झिरन्या जनपद प्राप्त करने में सफल नहीं हैं। हम पूरे जनपद क्षेत्र को तो छोड़ ही दे स्वयं जनपद मुख्यालय पर स्वचालय की हालत ऊपर तस्वीरें बया कर रही है वही गजब की बात तो यह रही कि बाहर भवन पर लिखा है शौच के बाद साबुन से हाथ धोए और अंदर हाथ धोने के लिए पानी भी नसीब नहीं होता। ना तो कोई साफ सफाई, नाही यूरेटर और स्वचालय में कमोड भी है गायप ऐसा हे मुख्यालय का स्वचालय। पानी पीने की जगह हे लाल पिक ( गुटखा थूकने की जगह ) बना रखी है। सोचने योग्य बात यह है कि आज स्वच्छ भारत अभियान को 10 वर्ष 1 माह और 25 दिन होने को आए परंतु स्वयं जनपद मुख्यालय पर स्वचालय की हालत ऐसी है तो जनपद क्षेत्र से हम स्वच्छ भारत अभियान की क्या ही उम्मीद करे।
मुख्य कार्य पालन अधिकारी ( सीईओ) अपना कार्य परिसर स्वच्छ रखने में है असमर्थ क्यों कि सेंटी और बंटी तो लगे हे स्वयं के केविन सजाने में तो फिर कहा ढूंढे विकास और कल्याण को कही आप को दिखे तो बताएगा जरूर।