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दिल्ली चुनाव से पहले गरमाया बांग्लादेशियों का मुद्दा,CM आतिशी ने अमित शाह को लिखा पत्र, अवैध रोहिंग्याओं को किसने बसाया ?

दिल्ली में रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन चलाया है. इसी के तहत पिछले दिनों 1000 से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान भी की गई है, जो अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे हैं.

नई दिल्ली:- दिल्ली की सीएम आतिशी ने रविवार यानी की आज 15 दिसंबर को केंद्र की बीजेपी सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रोहिंग्याओं को बसाने का आरोप लगाया। आतिशी ने कहा, ये तो साफ है कि दिल्ली में आज अगर अवैध रूप से रोहिंग्यां रिफ्यूजी रह रहे हैं तो उनको बसाने वाली बीजेपी शासित वाली केंद्र सरकार है। एक राज्य से दूसरे राज्य में अवैध अप्रवासियों को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है?


दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यहां बसे बांग्लादेश के अवैध रोहिंग्याओं के मामले ने तूल पकड़ लिया है. कुछ ही दिन पहले उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अपने एक आदेश में दिल्ली पुलिस से कहा था कि वह गैर-कानूनी तरीके से दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. अब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने का मुद्दा उठाया. सीएम आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना किसी जानकारी के दिल्ली में बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाया. दिल्ली सरकार और जनता को इस मामले से पूरी तरह अनजान रखा गया.

सीएम आतिशी ने गृह मंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में दावा किया केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साल 2022 में स्वीकार किया कि रोहिंग्या को केंद्र सरकार ने बसाया. क्या केंद्र सरकार इंडो बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा करने में विफल रही है?

सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”गृहमंत्री अमित शाह केंद्र सरकार ने बिना किसी जानकारी के दिल्ली में बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाया, जबकि दिल्ली सरकार और जनता को इस मामले से पूरी तरह अनजान रखा गया. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट भी इस बात को साफ करते है कि कैसे जानबूझकर भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाया गया और बक्करवाला के ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स, जो दिल्ली के गरीबों के लिए थे, उसमें रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाकर दिल्ली के लोगों से उनका हक छीना गया.”

उन्होंने आगे एक्स पोस्ट में लिखा, ”केंद्र सरकार के इस कदम से न केवल दिल्ली की कानून-व्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि शहर के सीमित संसाधनों पर भी दबाव बढ़ेगा. ऐसे में दिल्ली के लोग मांग करते हैं, पहला- बिना दिल्ली सरकार और जनता की अनुमति के किसी भी अवैध शरणार्थी को दिल्ली में न बसाया जाए. दूसरा- केंद्र सरकार द्वारा बसाए गए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों की लिस्ट और पते की जानकारी दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस को दी जाए.”

इससे पहले शनिवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कानून-व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखा था. उन्होंने राजधानी की कानून-व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्री से मिलने का समय मांगा था.


दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में दिल्ली में बसे रोहिंग्याओं का मामला उठाया और साथ ही केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाया है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर अमित शाह को पत्र लिखा था और दिल्लीवासियों की सुरक्षा पर सवाल उठाया था। सीएम आतिशी ने लिखा कि केंद्र सरकार ने रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा कि केंद्र सरकार दिल्ली वालों का हक छीनकर रोहिंग्याओं को दे रही है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

बॉर्डर की सुरक्षा देने में नाकाम केंद्र सरकार

सीएम आतिशी ने अपने पत्र में दावा करते हुए लिखा कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने 2022 में स्वीकार किया था कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के अंदर रोहिंग्याओं को बसाया था। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा करने में नाकाम रही है।

आतिशी ने बताई दिल्ली के लोगों की दो मांगे

आतिशी ने लिखा कि केंद्र सरकार के द्वारा दिल्ली में रोहिंग्या को बसाने की वजह से दिल्ली में न सिर्फ केवल कानून-व्यवस्था प्रभावित होगी बल्कि इसके साथ ही शहर के संसाधनों पर भी दबाव बढ़ेगा जो कि सीमित मात्रा में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में दिल्ली के लोगों की दो मांगे हैं।

1. दिल्ली में जनता और दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना किसी भी अवैध शरणार्थी को न बसाया जाए।

2. दूसरी मांग यह है कि केंद्र सरकार द्वारा जिन रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली में बसाया गया है उनकी लिस्ट और पते की जानकारी दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस को दी जाए।

केजरीवाल ने सुरक्षा व्यवस्था पर जताई थी चिंता

सीएम आतिशी से एक दिन पहले यानी कि शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने दिल्ली में दिल्ली में बढ़ते क्राइम को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने दिल्ली की कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए अमित शाह से मिलने का भी समय मांगा है। अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है। देश के अंदर अब दिल्ली को अपराध की राजधानी के नाम से जाना जा रहा है।

भारत के सभी मेट्रो शहरों में अपराध और हत्या के मामले में दिल्ली नंबर वन पर है। केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि दिल्ली में जबरन वसूली करने वाले गैंग सक्रिय हुए है, स्कूल और एयरपोर्ट को धमकियां मिल रही हैं। ड्रग्स के अपराध दिल्ली में बढ़ते जा रहे हैं जिसमें 350 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। आगे चिंता व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने लिखा कि वह दिल्ली में लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

आतिशी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के 2022 में किए गए दो ट्वीट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के लोगों और सरकार को अंधेरे में रखकर बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बसाया है। उन्होंने शाह को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह पिछले कई साल से जारी है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने 17 अगस्त, 2022 को दो ट्वीट किए थे जिनसे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इन शरणार्थियों को दिल्ली में बसाना भाजपा सरकार का ‘सोचा-समझा निर्णय और नीति’ है।” आतिशी ने कहा, ‘‘पुरी के पोस्ट से ऐसा लगता है कि उन्हें बक्करवाला के कई ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) फ्लैट में बसाया गया था। ये फ्लैट दिल्ली के गरीब लोगों के लिए थे। ऐसा लगता है कि दिल्ली के लोगों के अधिकार और सुविधाएं प्रवासियों को दी जा रही हैं।”

पुरी ने पलटवार करते हुए रविवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आम आदमी पार्टी ध्यान भटकाने, झूठे विमर्श और आधा अधूरा सच बताने की अपनी राजनीति कर रही है। अवैध रोहिंग्या प्रवासियों के बारे में तथ्य और वास्तविक स्थिति को उसी दिन एक ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट कर दिया गया था, जिसे उन्होंने चुनिंदा रूप से नजरअंदाज किया और वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी रोहिंग्या प्रवासी को दिल्ली में सरकारी घर नहीं दिया गया है। आप के झूठे दावों के विपरीत, वास्तव में वे (आप) ही दिल्ली में अवैध रोहिंग्याओं को शरण देते हैं, उन्होंने ही बड़ी संख्या में उन्हें बसाया है, वे ही उन्हें बिजली एवं पानी देते हैं और यहां तक ​​कि उन्हें 10,000 रुपये भी देते हैं।”

आतिशी ने दावा किया कि ये प्रवासी न केवल दिल्लीवासियों के लिए कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करेंगे, बल्कि ‘‘उनकी नौकरियां भी छीन लेंगे” और शहर के सीमित संसाधनों पर भी बोझ डालेंगे। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि हजारों रोहिंग्या प्रवासी बिना किसी बाधा के हर दिन भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर रहे हैं। उन्होंने शाह से पूछा, ‘‘इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार हमारी सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। अगर यही स्थिति जारी रही, तो क्या हमारा देश इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों को संभालने की स्थिति में है? इसका जवाब है, नहीं। फिर भाजपा सरकार इस अवैध प्रवास को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही?”

दिल्ली की मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद प्रवासी हजारों किलोमीटर दूर दिल्ली कैसे पहुंच गए? उन्होंने कहा, ‘‘क्या इन अवैध प्रवासियों को भाजपा सरकार ने भारत के लोगों को अंधेरे में रखकर व्यवस्थित तरीके से देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा है? आपने कितने रोहिंग्याओं को दिल्ली पहुंचाया और बसाया?” आतिशी ने कहा कि यह ‘‘सबसे चौंकाने वाला” है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इन रोहिंग्याओं को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में ‘‘बसाया” जबकि ‘‘पार्टी द्वारा नियुक्त” उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को रोहिंग्याओं की पहचान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया।

उन्होंने शाह से दिल्ली में बसे रोहिंग्याओं की पूरी सूची उपलब्ध कराने की मांग की और इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में लोगों और दिल्ली सरकार से परामर्श किए बिना किसी भी अवैध शरणार्थी को शहर में नहीं बसाया जाना चाहिए। दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए दो महीने का विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश पिछले हफ्ते दिया था।

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Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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