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9 जिले खत्म करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती:उपनेता प्रतिपक्ष ने याचिका में कहा-यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित, जनहित में नहीं..!!*
*जयपुर*
भजनलाल सरकार के 9 जिलों और 3 संभाग को खत्म करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। उपनेता प्रतिपक्ष और गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीणा व अन्य की ओर से सरकार के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ 10 जनवरी को सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ता के वकील सारांश सैनी ने बताया- याचिका में कहा गया है कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। गंगापुरसिटी को जिला बने डेढ़ साल हो गया है। यहां जिला कलेक्टर और एसपी ऑफिस खुल गए हैं। सभी तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप हो गया है। लेकिन, सरकार बदलने के साथ ही राजनीति से प्रेरित होकर जिले को खत्म करने का फैसला लिया गया है। जो जनहित में नहीं है।
28 दिसंबर को हुआ था फैसला
28 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में भजनलाल सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार में बने नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों को कैंसिल करने का फैसला लिया था। अशोक गहलोत ने मार्च 2023 में इन जिलों और संभागों को बनाने का ऐलान किया था।
नए जिलों का रिव्यू करने के लिए भजनलाल सरकार के 5 मंत्रियों की कमेटी बनाई गई थी।
*कानून मंत्री ने बताया था- इनकी उपयोगिता नहीं*
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा था कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। इनकी उपयोगिता नहीं थी। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थीं।
दरअसल, जिलों को रिव्यू करने के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने भी ललित पंवार कमेटी की सिफारिश को आधार बनाकर मापदंडों पर खरा नहीं उतरने पर जिले कैंसिल करने सिफारिश की थी। इसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। जनगणना को देखते हुए 31 दिसंबर से पहले यह फैसला करना जरूरी था।
*गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे*
गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और 3 संभाग बनाए थे, इनमें जयपुर और जोधपुर के 2-2 टुकड़े किए गए थे। नए जिलों में अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर ग्रामीण, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर ग्रामीण, फलोदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल थे। बांसवाड़ा, पाली और सीकर को संभाग बनाया था।