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दरभंगा में बाल श्रमिकों की विमुक्ति: जानें कैसे!

दरभंगा में श्रम विभाग ने बाल श्रमिकों को विमुक्त किया। छापेमारी अभियान, जागरूकता कार्यक्रम और प्रशासनिक कार्रवाई के तहत बाल श्रम समाप्ति की दिशा में कदम।

श्रम विभाग के धावा दल ने बाल श्रमिकों को कराया विमुक्त

दरभंगा, 18 जनवरी 2025

दरभंगा जिले में श्रम संसाधन विभाग के धावा-दल द्वारा “बाल श्रम मुक्त भारत” अभियान के तहत बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई का नेतृत्व श्रम अधीक्षक किशोर कुमार झा ने किया।

गहन छापेमारी में दो बाल श्रमिक विमुक्त

  • सदर प्रखंड के धोई घाट इलाके में गहन छापेमारी की गई।
  • न्यू आर.के. स्वीट्स एंड बेकरी से एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया।
  • मोहम्मद जाहिद गैरेज से भी एक बाल श्रमिक को विमुक्त किया गया।

श्रम अधीक्षक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जिले में अब तक 31 बाल श्रमिकों को विमुक्त किया जा चुका है।


बाल श्रम मुक्त भारत के लिए जारी प्रयास

जागरूकता अभियान:

  • सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर, बैनर और फ्लैक्स लगाए गए।
  • बाल श्रम जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
  • सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए गए।

प्रशासनिक कार्रवाई:

  • बाल श्रम विरोधी कानूनों के तहत नियोजकों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
  • बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत नियमित निरीक्षण हो रहे हैं।

कार्रवाई में शामिल टीम

इस छापेमारी में श्रम विभाग और पुलिस के अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम में शामिल प्रमुख सदस्य:

नामपद
मोहन कुमारश्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (सदर)
विजेता भारतीश्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (बहेड़ी)
प्रेम कुमार साहश्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (जाले)
लक्ष्मण कुमार झाश्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (सिंहवाड़ा)
कार्ड्स संस्था के प्रतिनिधिसामाजिक संगठन
बीरेंद्र कुमार झामजमुदान
नारायण कुमारपुलिस अधिकारी

श्रम अधीक्षक का बयान

श्रम अधीक्षक किशोर कुमार झा ने कहा:

“बाल श्रम जैसी कुप्रथा को समाप्त करना प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता के बिना संभव नहीं है। हम बाल श्रम को खत्म करने के लिए हर स्तर पर काम कर रहे हैं।”


2024-25 में अब तक की उपलब्धियां

  • 31 बाल श्रमिकों को विमुक्त किया गया।
  • कई कार्यशालाएं और जागरूकता अभियान आयोजित किए गए।
  • बाल श्रम के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए।

बाल श्रम रोकने के लिए उठाए गए कदम

प्रशासनिक पहल:

  1. बाल श्रम के खिलाफ नियमित छापेमारी।
  2. दोषी नियोजकों पर कड़ी कार्रवाई।
  3. बाल श्रमिकों की पुनर्वास योजना।

सामाजिक प्रयास:

  • सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा।
  • बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के प्रयास।
  • जागरूकता अभियानों में स्थानीय संगठनों की भागीदारी।

आगे की योजनाएं

  • जिले में बाल श्रम को पूर्णतः समाप्त करने के लिए लगातार छापेमारी जारी रहेगी।
  • अधिक जागरूकता अभियान और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
  • बाल श्रमिकों को शिक्षा और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

बाल श्रम मुक्त भारत की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासनिक प्रयास और सामाजिक सहयोग से इस कुप्रथा को खत्म किया जा सकता है।

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