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सचिव की मनमानी बदस्तूर जारी, प्रशासन का कोई अंकुश नहीं
सीधी । आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी की ग्राम पंचायत करैल मैं भ्रष्टाचार के अनेक खुलासे होने के बावजूद भी प्रशासन की मुकदर्शिता समझ से परे है। समझ से परे है कि आखिर भ्रष्टाचार में आकॅठ डूबे हुए रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव और पदेन सीईओ को प्रशासन किन विवशताओं के चलते अभयदान दे रहा है और उसे कार्यवाही से परहेज है।
ऐसे में सीधी जिला प्रशासन के लिए तो बस यही कहा जा सकता है कि-
ये जो सच और झूठ में दूरी है, दूरी समझते हैं। सियासी हकिमो की हम भी मजबूरी समझते हैं ।। वो अपना हक समझते हैं निवाला छीन लेने को, डकैती को बहुत से लोग मजदूरी समझते हैं ।।
बहरहाल अपनी भ्रष्टाचार की विकास यात्रा में शिव प्रसाद ने एक नया पन्ना जोड़ा है जहां पुल बनने से पहले ही ढाई लाख रुपए का आहरण कर लिया और दस महीने बाद भी पुल का कुछ आता पता नहीं है। ग्राम पंचायत करैल में चंदरसा से मछेडी मार्ग पर पडने वाली नदी में पुल के निर्माण हेतु 14 अप्रैल 2023 को ग्राम सभा में प्रस्ताव पास हुआ और पांचवा राज्य वित्त मद से वर्क कोड क्रमांक 101094134 के अंतर्गत पुल के निर्माण की तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई लेकिन स्वीकृति के बाद पुल का निर्माण तो नहीं हुआ लेकिन अर्पिता ट्रेडर्स का बिल क्रमांक 642 और 643 के जरिए 3 सितंबर 2023 को ₹ 200000 का आहरण हो गया। पेशेवर घोटाले बाज रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव ने भ्रष्ट प्रशासन को पुल की जो तस्वीर साझा की है वह कम अचरज में डालने वाली नहीं है जो कि इस प्रकार है –
इसी तरह वर्क कोड क्रमांक 101094135 जो तस्वीर प्रशासन को साझा की गई है इस प्रकार है –
तस्वीरों मे आम इंसान को तो पुल दिखाई नहीं दे रहा है और ना ही ग्रामीणों को इस पर आवागमन का लाभ मिल रहा है क्योंकि यह जमीन पर है ही नहीं लेकिन बनाने वाले ने बना डाला है और देखने वालों को दिखाई भी दे रहा है। यही सीधी जिला प्रशासन की हकीकत है। हम तो बस यही कह सकते हैं कि-
टूटा हुआ लश्कर का भरम देख रहे हैं, जिल्ले इलाही के करम देख रहे हैं। ताकत का नशा आखो पे हावी है तुम्हारी, तुम देख ना पाओगे जो हम देख रहे हैं।।
चॅदरसा और मछेडी नदी पर यह पुल बन जाने से ग्रामीणों को आवागमन में काफी राहत मिलती लेकिन उसके भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाने से ग्रामीणों की उम्मीदें टूट गई है। इस संबंध में जब हमने मछेडी की पच श्रीमती सीताकली सिंह सेवन से मोबाइल नंबर 8385**59782 पर संपर्क कर जानकारी चाहिए तो उन्होंने बताया कि – “मेरे द्वारा पुल निर्माण हेतु कई बार प्रस्ताव दिया गया है लेकिन आज तक पुल का निर्माण नहीं किया गया है। इस पुल का निर्माण हो जाने से मछेडी और चंदरसा के बीच की दूरी न के बराबर रह जाएगी। पुल का निर्माण कब होगा यह उन्हें पता नहीं है।”
चंदरसा के पॅच राजभान सिंह से उनके मोबाइल नंबर 6261**5897 पर जब हमने संपर्क कर पल की स्थिति के संबंध में जानकारी चाहिए तो उन्होंने बताया कि – ” मई- जून 2023 में पुल का निर्माण शुरू हुआ था और लगभग एक हफ्ते कम होने के बाद आज तक बंद है”। अब इसे भला क्या कहेंगे की जो काम हुआ नहीं उसके लिए भी ढाई लाख रूपए निकाल लिए गए हैं। सनद रहे कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी श्री ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा है कि मध्य प्रदेश शासन अथवा भारत सरकार का पोर्टल सही जानकारी दर्ज करने के लिए ही बनाया गया है फिर तो ग्राम पंचायत करैल में जो पुल बनाकर उसकी फोटो पोर्टल पर शिव प्रसाद यादव ने अपलोड की है उस पर चलने के लिए तो ग्रामीणों को प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में निश्चित रूप से या प्रशिक्षण कार्यक्रम जनपद पंचायत कुसमी द्वारा पीसीओ बबन सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया जाना चाहिए क्योंकि यह पूरी जानकारी उसी पोर्टल से ली गई
है।