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लखनऊ: ट्रामा सेंटर में सिक्योरिटी गार्ड की मारपीट से मचा हड़कंप, वीडियो हुआ वायरल, अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल
📍 लखनऊ, 22 फरवरी 2025: राजधानी लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र स्थित ट्रामा सेंटर में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां सिक्योरिटी गार्ड द्वारा मरीज के तीमारदारों के साथ मारपीट की घटना को लेकर हड़कंप मच गया है। यह विवाद तब हुआ जब परिजन अपने मृतक परिजन का शव अस्पताल से लेकर जा रहे थे।
वायरल वीडियो में सिक्योरिटी गार्ड को तीमारदारों से गुस्से में बातचीत करते हुए और उन्हें धक्का देते हुए देखा जा सकता है, जबकि मृतक का शव ले जाने की प्रक्रिया चल रही थी। गार्ड का यह व्यवहार अस्पताल में आने वाले तीमारदारों के प्रति न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है।
वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन और पुलिस दोनों की सक्रियता
मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे अस्पताल प्रशासन और पुलिस के लिए यह एक गंभीर मामला बन गया है। पुलिस ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और अस्पताल प्रशासन से पूरी घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल उठे, परिजनों की मांग: दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ट्रामा सेंटर जैसे संवेदनशील स्थान पर सिक्योरिटी गार्ड का इस तरह का व्यवहार न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह अस्पताल के वातावरण को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
अस्पताल प्रशासन ने मामले में जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या अस्पताल में काम कर रहे सिक्योरिटी गार्ड को प्रशिक्षित किया गया था या नहीं, और इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को कैसे रोका जा सकता है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही किसी अधिकारी की ओर से बयान जारी हो सकता है।
यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि अस्पतालों में सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल मरीजों की नहीं, बल्कि उनके परिजनों की भी होती है। ऐसे में जब संवेदनशील मामलों में इस तरह की घटनाएं घटित होती हैं, तो यह सिस्टम और प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होती हैं।
📞 रिपोर्ट: एलिक सिंह (संपादक)
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📞 जिला प्रभारी (BJAC) भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद्