
अपने ही पति व सचिव पर ग्राम प्रधान ने फर्जी हस्ताक्षर के सहारे सरकारी धन लूटने का लगाया आरोप*
पीड़ित ग्राम प्रधान ज्योति देवी ने उच्च अधिकारियों से फर्जी हस्ताक्षर की जांच कर कार्यवाही का किया मांग।
पूरे कार्यकाल में हुए भुगतान के हस्ताक्षर की हो जांच ज्योति देवी पीड़ित ग्राम प्रधान
बैंक के अलावा किसी अन्य सरकारी भुगतान के कागजातों पर हमने हस्ताक्षर नही किया ज्योति देवी पीड़ित ग्राम प्रधान
*सॉऊघाट बस्ती*- ग्राम पंचायत ओड़वारा की ग्राम प्रधान ज्योति देवी अपने अधिकार के लिए दर-दर भटक रही है और उच्च अधिकारियों से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ग्राम प्रधान ने पति वीरेन्द्र चौधरी एवं सचिव पर फर्जी हस्ताक्षर के सहारे सरकारी धन हड़पने समेत अन्य गंभीर आरोप लगाया है । पीड़ित ग्राम प्रधान ने अपने पति व सचिव के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर अपने कार्यकाल में हुए समस्त भुगतान पर किये गये हस्ताक्षर की जांच की मांग किया है । पीड़ित ग्राम प्रधान ने मीडिया को बताया कि हम जब से ग्राम पंचायत ओड़वारा की ग्राम प्रधान पद का कार्यभार ग्रहण किया है तब से मात्र बैंक के कागजातों पर हस्ताक्षर किया है न तो किसी बैठक में न तो किसी विकास कार्यों हेतु सरकारी धन भुगतान मे किसी कागजात पर कोई हस्ताक्षर किया है । अपने लगभग 04 वर्षों के कार्यकाल में मुझे कोई जानकारी नही है कि ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर कितने धन खर्च किए गये है । मेरे पति वीरेन्द्र चौधरी सचिव समेत अन्य जिम्मेदार ब्लाक अधिकारियों की सांठ-गांठ करके बिना मेरे सहमति के फर्जी हस्ताक्षर के सरकारी धन का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है और पति वीरेन्द्र कुमार द्वारा ग्राम प्रधान का पूरा अधिकार छीन लिया गया है ।
आप को बता दे कि ज्योति देवी पत्नी वीरेन्द्र चौधरी साकिन-ओड़वारा, पोस्ट ओड़वारा, ब्लाक साऊघाट, थाना-मुण्डेरवां, जिला बस्ती हालमुकाम-पुत्री रामजियावन साकिन गोनहा पोस्ट वेलवरिया जंगल, थाना गौर, जिला बस्ती की निवासिनी हूँ। पीड़ित ग्राम प्रधान की शादी सन् 2014 में वीरेन्द्र चौधरी पुत्र रामनवल के साथ हिन्दू रीति रिवाज से पूरे दोनों पक्ष के सहमति से विकासखण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत गोनहा में पिता के दरवाजे पर सम्पन्न हुई थी । शादी के बाद से ही पीड़िता के पति व उनके परिवार के लोगों द्वारा पीड़ित ग्राम प्रधान को परेशान किया जा रहा थी लेकिन पीड़िता किसी तरह से जीवन निर्वाह कर रही थी । वर्ष 2018 में एक पुत्र पैदा हुआ था जिसका नाम रीदम चौधरी है। मेरे पति, देवर, देवरानी व जेठ, जेठानी बराबर प्रताड़ित करते है । कई बार मारे पीटे भी है तथा बार-बार घर से निकालने की कोशिश भी किया है तथा उक्त लोगों के द्वारा तरह-तरह षडयंत्र रचकर पीड़िता को मार डालने का भी प्रयास किया गया था उक्त घटना को लेकर कई बार शिकायत भी किया था लेकिन राजनीतिक पकड़ मजबूत होने के कारण / पैसे के बल पर बच जाते हैं तथा पीड़िता के साथ घरेलू हिंसात्मक तरीके से बराबर पेश आते है वर्तमान मे पीड़िता ग्राम प्रधान है लेकिन जबरदस्ती मेरे ससुराल के लोग प्रधान प्रतिनिधि बनकर विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करते रहते है जिसकी सूचना भी पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को दे चुकी है । लेकिन मुण्डेरवा पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही पति समेत अन्य परिवार के सदस्यों के विरूद्ध नही की जा रही है। जिससे इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। इसलिए उक्त लोगों के द्वारा हम पीड़िता को बराबर गाली, गुप्ता मारने पीटने की प्रताड़ना देते रहते है जिससे पीड़िता का जीना दुश्वार हो गया है। जब कहीं भी मेरे हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है तो सब लोग अपने मे राय मिलाकर मेरा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर सब कुछ ले लेते है। तथा बराबर कार्य मे बाधा उत्पन्न करते रहते है। इसकी सूचना भी दी गयी थी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। एक बार दिनांक 26.08.2022 को ही पीड़िता को काफी परेशान कर दिये थे तो शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था। दोनों पक्षों को महिला थाने पर बुलाकर माफी व सुधरने का मौका लेते हुए सुलह करवाकर मामले का निस्तारण करा दिया गया था तब से आरोपी काफी नाराज चल रहे थे तथा पीड़िता को तरह-तरह से प्रताड़ना देते रहे। दिनांक 08.02.2025 को पीड़िता को थाने पर बुलाकर फिर समझौता करके मुझे घर ले गये तथा मेरा अधिकार ग्रामसभा का डोंगल (हस्ताक्षर बेरीफिकेशन) का पेन ड्राइब छीनकर मुझे उसी दिन घर से निकाल दिये तथा मेरे अधिकार का गलत फायदा उठाकर अनुचित लाभ ले रहे है वर्तमान समय में पीड़िता अपने मायके है । लेकिन आरोपियों द्वारा पीड़िता को बराबर धमकी दिया जा रहा है ।
पीड़िता ने ग्राम प्रधान का अधिकार दिलाते हुए अभियुक्त वीरेन्द्र चौधरी पुत्र रामनवल (पति) सुलेन्द्र चौधरी पुत्र रामनवल (देवर) राजेन्द्र चौधरी पुत्र रामनवल (जेठ) उर्मिला देवी पत्नी राजेन्द्र (जेठानी) शालिनी पत्नी सुलेन्द्र (देवरानी) के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की थी । ताकि पीड़िता स्वतंत्र रूप से अपने अधिकार व दायित्वों का निर्वहन करते हुए ग्राम पंचायत का कार्य पूर्ण रूप से विकास कर सके। इस सम्बंध में पीड़ित ग्राम प्रधान ज्योती देवी ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर गौर थाने में मेरे पति वीरेन्द्र चौधरी समेत अन्य परिवार के सदस्यों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है और गौर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है लेकिन ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर के सहारे हुए फर्जी भुगतान की कोई जांच नहीं हुई है । उक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष गजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है।
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